पिछले पांच वर्षों में सरकारी कंपनियों के मार्केट कैप में 57 लाख करोड़ की वृद्धि
मुंबई- देश की सरकारी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बीते पांच वर्षों में 57 लाख करोड़ रुपए बढ़कर जून 2025 में 69 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो मार्च 2020 में 12 लाख करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2025 के दौरान पीएसयू कंपनियों की आय 36 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ी है, जो कि निजी कंपनियों की तुलना में अधिक है। इस दौरान बीएसई पीएसयू इंडेक्स में 32 प्रतिशत की सीएजीआर से इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 2024-25 में मंदी के बावजूद मुनाफे में बढ़ोतरी जारी है। रिपोर्ट के अनुसार, “रैली और अच्छे मुनाफे के कारण कुल मार्केट कैप में पीएसयू की हिस्सेदारी अब बढ़कर 15.3 प्रतिशत हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 22 में 10.1 प्रतिशत थी।
मार्केट कैप के साथ-साथ पीएसयू कंपनियों के मुनाफे में भी इजाफा हुआ है. यह वित्त वर्ष 25 में बढ़कर 5.3 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 20 में 1.2 लाख करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2024-25 में बीएफएसआई का योगदान पीएसयू मुनाफे में 38 प्रतिशत रहा है, जो कि वित्त वर्ष 2019-20 में मात्र 7 प्रतिशत था। वहीं, वित्त वर्ष 20-25 के बीच सरकारी कैपिटल गुड्स कंपनियों के मुनाफे में 28 प्रतिशत के सीएजीआर से इजाफा हुआ है। इसकी वजह डिफेंस और इन्फ्रा के ऑर्डर्स में पीएसयू की हिस्सेदारी बढ़ना है।