इजराइल का ईरान पर हमला, कच्चा तेल, सोना में जबरदस्त तेजी, रुपया धराशाई
मुंबई- इजराइल ने 12 जून को ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को निशाना बनाकर हमले किए। इसके बाद तेल की कीमतें एकदम से उछल गईं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ईरान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है। ईरान की जियोलॉजिकल पोजिशन भी काफी महत्वपूर्ण है – ये स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के उत्तरी किनारे पर है। ये वो रास्ता है जहां से सऊदी अरब, कुवैत, इराक जैसे देशों का तेल सप्लाई होता है। अगर ईरान ने गुस्से में आकर इस रास्ते को ब्लॉक किया, तो दुनिया की 20% तेल सप्लाई अटक सकती है।
हमले की खबर के बाद ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 10% बढ़कर करीब 78 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई। यूएस का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) भी 10% चढ़कर 74 डॉलर के पार पहुंच गया। आगे इसमें और तेजी का अनुमान है।
अगर ज्यादा दिनों तक क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ी रहती है तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने होंगे। इससे ट्रांसपोर्ट, खाने-पीने की चीजें, और बाकी सामान भी महंगा हो सकता है। अगर जंग लंबी खिंची तो महंगाई और बढ़ेगी। तेल की कीमतें बढ़ने का मतलब है महंगाई बढ़ेगी। इससे तेल आयात करने वाले देशों की इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ता है।
इससे भारतीय शेयर बाजार 1% से ज्यादा गिर गया। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स भी 1.3% और हॉन्ग कॉन्ग का हैंग सेंग इंडेक्स 0.7% गिर गया। जिस वक्त हमला हुआ वॉल स्ट्रीट बंद था, लेकिन फ्यूचर्स ट्रेडिंग में संकेत मिले कि अमेरिकी बाजार भी 1% से ज्यादा लुढ़क सकता है।
इजराइल का कहना है कि ये हमला “प्री-एम्प्टिव” यानी पहले से रक्षा के लिए था। इजराइल के PM बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान का परमाणु प्रोग्राम और मिसाइल प्रोग्राम उनके लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने ईरान की परमाणु साइट और कई बड़े सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया।
इजराइल के इस हमले में इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी की मौत हो गई है। अल-जजीरा के मुताबिक हमले में ईरान के दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तेहरांची और फरदून अब्बासी भी मारे गए हैं।