आलसी हो गए हैं भारतीय, अब 45 वर्ष में ही होना चाहते हैं काम से रिटायर
मुंबई- युवा भारतीय, खासकर 25 वर्ष या उससे कम आयु वर्ग के लोग जल्दी रिटायरमेंट लेना पसंद करते हैं। इस ग्रुप में से 43 प्रतिशत युवा 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच रिटायर होना चाहते हैं। 56 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स ने 55 से 65 वर्ष की आयु के बीच रिटायर होने की योजना बनाई है, जो भारत में स्टैंटडर्ड रिटायरमेंट प्रैक्टिस के अनुरूप है।
ग्रांट थॉर्नटन भारत की सर्वे-रिपोर्ट में कहा गया है कि 55 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स को 1 लाख रुपए से अधिक मासिक पेंशन की उम्मीद है। हालांकि, केवल 11 प्रतिशत का मानना है कि उनके मौजूदा निवेश इन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं। सरकार समर्थित योजनाएं सबसे पसंदीदा विकल्प बनी हुई हैं, जिसमें 39 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स ऐसी योजनाओं के पक्ष में हैं।
युवा पार्टिसिपेंट्स को हाई-रिस्क, हाई-रिटर्न प्लान पसंद आते हैं। सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) से बदल दिया है। यूपीएस सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत आजीवन मासिक पेंशन के रूप में, समय-समय पर महंगाई राहत वृद्धि और 10,000 रुपए की न्यूनतम पेंशन की गारंटी देता है।
ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर रामकुमार एस ने कहा, भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, इसलिए देश में एक दृढ़ पेंशन प्रणाली होना आवश्यक है। 2050 तक वृद्ध आबादी में वृद्धि होगी और यह आबादी वित्तीय स्वतंत्रता के लिए पेंशन पर निर्भर होगाी।