देश के कृषि क्षेत्र से लोगों को बाहर निकालने के लिए विनिर्माण में बदलाव जरूरी

मुंबई- नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा, भारत के विनिर्माण क्षेत्र में बदलाव जरूरी है, ताकि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बन सके और लोगों को कृषि से बाहर निकाला जा सके। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) में उन्होंने कहा, नीति आयोग भारत में संपूर्ण कौशल परिदृश्य के पुनर्गठन पर विचार कर रहा है।

आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार, भारतीय कृषि 42.3 प्रतिशत आबादी को आजीविका प्रदान करता है। वर्तमान मूल्यों पर देश के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 18.2 प्रतिशत है। सुब्रह्मण्यम ने कहा, वर्तमान में भारत में 90 प्रतिशत विनिर्माण गतिविधियां 5-6 राज्यों में हो रही हैं। चीन ने खुद को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के केंद्र में रखा है। भारत को भी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का केंद्र होना चाहिए।

उन्होंने दावा किया कि भारत की जीडीपी में विनिर्माण का हिस्सा 17 प्रतिशत है। आज दुनिया में अनिश्चितता ने भारत के लिए बहुत बड़े अवसर पैदा किए हैं। हमें जीतने वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन के पास एक व्यापक निकाय होगा, जिसके पास भारत में विनिर्माण को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए निर्देश देने, नियंत्रण करने और सुनिश्चित करने की शक्ति होगी। हम इसके अंतिम चरण में हैं, संभवतः एक महीने के भीतर इसकी घोषणा कर दी जाएगी।

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