एमएसएमई ने ईएसआईसी में दिया पिछले साल 2 करोड़ से ज्यादा रोजगार
मुंबई- विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में 20 कर्मचारियों तक वाले सूक्ष्म और लघु उद्यमों यानी एमएसएमई ने वित्त वर्ष 2024-25 में फरवरी तक कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत दो करोड़ से अधिक औपचारिक नौकरियां पैदा की। ईएसआईसी के पेरोल आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 की अवधि में 2.09 करोड़ नए पंजीकरण हुए। हालांकि, मार्च का आंकड़ा आना बाकी है।
आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 के पूरे साल में 2.21 करोड़ रोजगार पैदा हुए थे। 2024-25 में हर महीने औसतन पंजीकरण 19 लाख रहा है। इस आधार पर पूरे वित्त वर्ष में 2.28 करोड़ रोजगार पैदा हो सकते हैं जो एक नया रिकॉर्ड बन सकता है। हालांकि, यह आंकड़ा उन लोगों की संख्या को नहीं दर्शाता है जो औपचारिक नौकरी बाजार से बाहर चले गए या नौकरी बदल ली।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि ईएसआईसी के तहत नए पंजीकरणों में वृद्धि मुख्य रूप से नए जिलों में तेजी से विस्तार और बेहतर सेवाओं की वजह से हुई है, जिससे कंपनियां और श्रमिक इसके दायरे में आ रहे हैं। अधिकारी के अनुसार, अधिकांश पंजीकरण 250 श्रमिकों तक वाले छोटे और मध्यम उद्यमों से थे, क्योंकि इन उद्यमों में कम वेतन के कारण बड़ी संख्या में लोगों को काम पर रखा जाता है। इस वजह से इन कंपनियों में तेजी से संख्या बढ़ जाती है।
भारत के नौकरी बाजार ने वित्त वर्ष 2024-25 का समापन बेहतरीन रूप से किया है। 82 प्रतिशत कंपनियों ने जनवरी और मार्च, 2025 के बीच सक्रिय रूप से भर्ती की है। यह दिसंबर तिमाही की तुलना में तीन प्रतिशत अधिक है। इनडीड की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय नियोक्ताओं ने टीमों का विस्तार जारी रखा है, विशेष रूप से टेक्नोलॉजी और फ्रेशर भूमिकाओं में।
रिपोर्ट के अनुसार, नए स्नातकों की मांग विशेष रूप से ज्यादा थी, जो सभी नए नियुक्तियों में से आधे से अधिक थी। सॉफ्टवेयर डेवलपर्स, डाटा विश्लेषक और बिक्री अधिकारी इस भर्ती में शीर्ष भूमिकाओं के रूप में उभरे। कंपनियां केवल रिक्तियों को ही नहीं भर रही हैं, बल्कि वे कल की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार अग्रणी टीमों का निर्माण करके भविष्य में निवेश कर रही हैं।