अब धन उगाही सहित कई गतिविधियां भी संवेदनशील जानकारी के दायरे में
मुंबई- बाजार नियामक सेबी ने अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील सूचना (यूपीएसआई) के दायरे को बढ़ा दिया है। अब कंपनी के प्रबंधन या नियंत्रण, बैंकों या वित्तीय संस्थानों से ऋण और उधार की पुनर्गठन योजनाओं और एकमुश्त बैंक निपटान को प्रभावित करने वाली किसी भी प्रस्तावित धन उगाहने वाली गतिविधियों के समझौते भी दायरे में आएंगे। इस कदम का उद्देश्य विनियामक स्पष्टता, निश्चितता और अनुपालन में एकरूपता बढ़ाना है।
सेबी ने 11 मार्च को जारी अधिसूचना में इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों में संशोधन किया है। नए नियम 10 जून से लागू होंगे। सेबी ने कहा कि कंपनी, उसके प्रमोटर, निदेशक, प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक या सहायक कंपनी द्वारा धोखाधड़ी या चूक या अधिकारियों की गिरफ्तारी, चाहे वह भारत में हुई हो या विदेश में, उसे यूपीएसआई के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
कंपनी द्वारा वित्तीय गलतबयानी या गबन के संबंध में फोरेंसिक ऑडिट की कोई भी शुरुआत या अंतिम रिपोर्ट की प्राप्ति यूपीएसआई के दायरे में आएगी। इस संशोधन के साथ अब यूपीएसआई मानी जाने वाली घटनाओं की संख्या पांच से बढ़कर 16 हो गई है।