प्रयागराज महाकुंभ में इस चाय कंपनी ने एक दिन में बेची एक लाख कप चाय
मुंबई- प्रयागराज में कुंभ मेले के दौरान चाय पॉइंट अपने लिमिटेड एडिशन स्टोर्स के जरिए एक दिन में एक लाख से ज्यादा कप चाय बेचीं। इससे ब्रांड की लोकप्रियता में इजाफा हुआ। चाय पॉइंट मशहूर चाय कैफे चेन है। यह शेयर बाजार में अपनी जगह बनाने की तैयारी में है।
चाय पॉइंट मई 2026 में IPO लाने की योजना बना रही है। कंपनी का बिज़नेस मॉडल फ्रैंचाइजी पर आधारित नहीं, बल्कि कंपनी के स्वामित्व वाला है। कोरोना महामारी के दौरान कंपनी को काफी नुकसान हुआ। लेकिन, अब वह वापसी कर रही है और विकास के रास्ते पर है।
चाय पॉइंट की शुरुआत 2009 में हुई थी। हार्वर्ड के प्रोफेसर तरुण खन्ना और उनके छात्र अमूल्य सिंह बिजराल मुंबई के एक कैफे में चाय पी रहे थे। तभी उन्हें यह विचार आया कि लोगों को अच्छी क्वालिटी की साफ-सुथरी और सस्ती चाय उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने मुंबई में व्यक्ति को देखा जो गंदे माहौल में प्लास्टिक के कप में चाय बेच रहा था। इससे उन्हें एक ऐसे ब्रांड को बनाने का आइडिया आया जो आम लोगों को अच्छी और साफ चाय सस्ते दामों पर दे सके और ऐसे विक्रेताओं के लिए रोज़गार के अवसर भी पैदा कर सके।
चाय पॉइंट ने अपना पहला आउटलेट 2010 में बेंगलुरु के कोरमंगला में खोला। 2012 तक कंपनी बेंगलुरु से आगे बढ़कर दिल्ली, मुंबई और पुणे में भी पहुंच गई। आज, चाय पॉइंट के पूरे भारत में 170 से ज्यादा स्टोर हैं। कंपनी अगले दो सालों में 300 और स्टोर खोलने की योजना बना रही है। मौजूदा स्टोर्स में से 60 में बैठने की जगह है, जबकि बाकी 110 वॉक-इन आउटलेट हैं।
खन्ना ने चाय पॉइंट की खास चाय बनाने की विधि की तुलना कोका-कोला और पेप्सी जैसी बड़ी पेय कंपनियों से की। उन्होंने बताया कि इन कंपनियों की तरह चाय पॉइंट का भी अपना एक सीक्रेट फॉर्मूला है। उन्होंने कहा, ‘जैसे हर किसी को लगता है कि उनकी मां की चाय सबसे अच्छी होती है, वैसे ही चाय पॉइंट की चाय उस पैमाने पर 8 या 9 नंबर पर होगी।’
चाय पॉइंट ने AI और IoT से चलने वाली स्मार्ट टी वेंडिंग मशीनें भी लॉन्च की हैं, जिन्हें बॉट्स भी कहा जाता है। ये मशीनें ग्राहकों की पसंद, जैसे चीनी की मात्रा और अन्य टॉपिंग्स, याद रख सकती हैं ताकि हर बार एक जैसी चाय मिल सके। ये बॉट्स ऑफिस, अस्पताल, एयरपोर्ट और बिजनेस पार्क में लगाए गए हैं, जिससे लोगों को आसानी से चाय मिल जाती है। कंपनी ने अभी तक 5,000 से ज्यादा स्मार्ट मशीनें लगाई हैं और अगले साल हर महीने 750 बॉट्स लगाने की योजना है।
ज्यादातर फूड चेन के उलट, चाय पॉइंट फ्रैंचाइजी मॉडल पर नहीं, बल्कि कंपनी के स्वामित्व वाले मॉडल पर काम करता है। फिलहाल, कंपनी हर महीने 10 नए स्टोर खोल रही है और जल्द ही यह संख्या 20 तक पहुंचाने की योजना है।
कंपनी के संस्थापकों, कर्मचारियों और शुरुआती निवेशकों के पास कंपनी में लगभग 25 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि बाकी हिस्सा संस्थागत निवेशकों के पास है। कोरोना महामारी ने चाय पॉइंट के कामकाज को बुरी तरह प्रभावित किया था। बिक्री में भारी गिरावट आई थी। ज्यादातर कर्मचारियों ने बड़ी कंपनियों में नौकरी करने के लिए कंपनी छोड़ दी थी।