चार महीने में बाजार में निवेशकों के डूब गए 85 लाख करोड़, अभी भी डूब रहे

मुंबई- सितंबर 2024 में शेयर बाजार ने अपना ऊपरी स्तर छुआ था, लेकिन उसके बाद से हालात बदल गए हैं। लगातार गिरावट के कारण लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की कीमतें लुढ़क गई हैं।

सैमको सिक्योरिटीज के अनुसार, टॉप 500 कंपनियों में से 272 के शेयर सितंबर 2024 के स्तर से 20% से ज्यादा गिर चुके हैं। यानी शेयर बाजार का आधे से ज्यादा हिस्सा भारी नुकसान में है। गिरावट के समय शेयर खरीदना एक स्मार्ट मूव हो सकता है, क्योंकि जब बाजार ऊपर जाएगा, तो इन स्टॉक्स में जबरदस्त रिटर्न देखने को मिल सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, आगे और गिरावट का जोखिम बना हुआ है, लेकिन लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए मौजूदा स्तरों पर रणनीतिक निवेश का अच्छा मौका हो सकता है। इस दौरान अदाणी ग्रीन एनजईी 63 पर्सेंट, अदाणी एनर्जी सोल्यूशंस 54 पर्सेंट तक टूटे हैं। भेल, ट्रेंट, एबीबी, गेल, सम्वर्धना मदरसन, एयरटेल और बीपीसीएल जैसे बड़े शेयरों के भाव में भी जमकर गिरावट आई है।

विश्लेषकों का कहना है कि इस गिरावट में भारतीय बाजार से करीब 85 लाख करोड़ की संपत्ति मिट गई है। सेंसेक्स का आय का अनुपात 21 गुना पर आ गया है, और अगर जोमैटो को हटाया जाए, तो यह और भी कम हो सकता है।
स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स ने सितंबर 2024 के हाई से ₹46 लाख करोड़ की मार्केट कैप गंवा दी है। लेकिन इस गिरावट के साथ बेहतरीन कंपनियों के स्टॉक्स अब सस्ते मिल रहे हैं, जिससे आने वाले दिनों में इन शेयरों में खरीदारी बढ़ सकती है।

जिन शेयरों में भारी गिरावट आई है, उनमें हिताची एनर्जी, एसीसी, अदाणी विल्मर और गोदरेज प्रॉपर्टीज हैं। स्मॉलकैप में स्वान एनर्जी, व्हर्लपूल, आइनॉक्स विंड और सोनाटा सॉफ्टवेयर हैं। इन शेयरों की भी जमकर पिटाई हुई है।

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