म्यूचुअल फंड एनएफओ पर अब सेबी की नकेल, माधबी बुच ने कही ये बात

मुंबई- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्यूचुअल फंड (MF) स्कीम लॉन्च में बढ़ोतरी के “मूल कारण” को दूर करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के कार्यक्रम में सेबी प्रमुख माधबी बुच ने कहा, सेबी थीमेटीक फंड्स के बढ़ते प्रसार को नियंत्रित करने के लिए और कदम उठाने के लिए तैयार है।

बुच ने कहा, “हमने नए फंड ऑफरिंग (NFO) की समस्या को समझा और इसे दूर करने के लिए काम किया। एम्फी हमेशा सहयोगात्मक रहा है, और मैं कहूंगी कि उसे आकर हमें इस पर मार्गदर्शन देना चाहिए।

म्यूचुअल फंड कंपनियों ने पहली बार 2024 में कैलेंडर वर्ष के दौरान 200 से अधिक NFO लॉन्च किए हैं। इनमें से 150 से ज्यादा NFO इक्विटी कैटेगरी में थे, जिसमें एक्टिव और इंडेक्स फंड दोनों शामिल हैं। 2023 में 89 इक्विटी एनएफओ लॉन्च किए गए थे।

इनमें से अधिकांश लॉन्च एक्टिव इक्विटी स्पेस में सेक्टोरल और थीमैटिक कैटेगरी में हुए, जिन्हें सभी इक्विटी MF श्रेणियों में सबसे जोखिम भरा माना जाता है। पैसिव फंड्स के मामले में, अधिकांश थीमैटिक और फैक्टर-बेस्ड थे।

SEBI ने एक नया नियम बनाया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि म्यूचुअल फंड्स अनावश्यक रूप से गलत समय पर प्रोडक्ट लॉन्च न करें और वितरकों द्वारा पोर्टफोलियो में बार-बार बदलाव को रोका जा सके।

अप्रैल 2025 से, फंड मैनेजर्स को NFO के दौरान जुटाई गई रकम को 30 दिनों के भीतर निवेश करना होगा। अभी इस निवेश के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं है। अब वितरकों को मौजूदा निवेश को NFO में बदलने पर अधिक कमीशन नहीं मिलेगा।

SEBI ने दिसंबर 2024 में अपनी बोर्ड बैठक के बाद जारी बयान में कहा था, “NFO में संभावित मिससेलिंग की समस्या को दूर करने के लिए, स्विच ट्रांजैक्शन के मामले में वितरक को उन दो योजनाओं में से कम कमीशन मिलेगा जिनमें स्विच किया जा रहा है।

म्यूचुअल फंड्स एक स्विच ऑप्शन देते हैं, जिससे निवेशक सीधे एक स्कीम से दूसरी स्कीम में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं, बजाय इसके कि वे निवेश को रिडीम करके नए स्कीम में डालें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि SEBI का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि फंड हाउस बाजार की स्थितियों को ध्यान में रखकर स्कीम लॉन्च करें और केवल उतनी ही राशि जुटाएं, जितनी वे निवेश कर सकते हैं। यह कदम जिम्मेदार फंड प्रबंधन को बढ़ावा देने और निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए उठाया गया है।

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