टेलीफोन कंपनियां अगर करेंगी मनमानी तो लगेगा 10 लाख रुपये का जुर्माना

मुंबई- सरकार ने अनचाहे वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) और एसएमएस से निपटने वाले संशोधित नियमों को लागू करने में विफल रहने पर टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है। सरकार द्वारा यह चेतावनी उपभोक्ता संरक्षण को और मजबूत करने के मद्देनजर दी गई है।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस (TCCCPR), 2018 में संशोधन पेश किए हैं। इसका उद्देश्य दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग के उभरते तरीकों से निपटना और उपभोक्ताओं के लिए अधिक ट्रांसपैरेंट वाणिज्यिक संचार इकोसिस्टम को बढ़ावा देना है।

TRAI ने कहा, “यूसीसी की गिनती की गलत रिपोर्टिंग के मामले में एक्सेस प्रोवाइडर्स पर उल्लंघन के पहले मामले में 2 लाख रुपये, उल्लंघन के दूसरे मामले में 5 लाख रुपये और उल्लंघन के बाद के मामलों में 10 लाख रुपये का वित्तीय हतोत्साहन (FD) लगाया जाएगा। दूरसंचार नियामक ने कहा, “यह वित्तीय हतोत्साहन पंजीकृत और अपंजीकृत सेंडर के लिए अलग-अलग लगाए जाएंगे।

इसके अलावा, ये एफडी शिकायतों को अवैध तरीके से बंद किए जाने और मैसेज हेडर और कंटेंट टेम्पलेट्स के रजिस्ट्रेशन को लेकर अपने दायित्वों को पूरा नहीं करने के खिलाफ एक्सेस प्रोवाइडर्स पर लगाए गए एफडी के अतिरिक्त होंगे। उपभोक्ता अब वाणिज्यिक संचार को ब्लॉक और रिसीव करने के लिए अपनी प्राथमिकताएं दर्ज किए बिना अपंजीकृत सेंडर द्वारा भेजे गए स्पैम (यूसीसी) कॉल और संदेशों के खिलाफ शिकायत कर सकेंगे।

इसके अलावा, अब ग्राहक स्पैम/यूसीसी के बारे में शिकायत स्पैम प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर कर सकते हैं, जबकि पहले यह समय सीमा 3 दिन थी। ट्राई ने कहा, “अपंजीकृत सेंडर से यूसीसी के खिलाफ एक्सेस प्रोवाइडर्स द्वारा कार्रवाई करने की समय सीमा 30 दिनों से घटाकर 5 दिन कर दी गई है। यूसीसी भेजने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के मानदंड को संशोधित किया गया है और अधिक कठोर बनाया गया है।

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