डीजीसीए के नियमों को नहीं मान रहीं विमानन कंपनियां, प्रयागराज का किराया आसमान पर

मुंबई- एविएशन सेक्टर के रेगुलेटर नागरिक उड्डयन महानिदेशक यानी डीजीसीए (DGCA) ने पिछले दिनों विभिन्न शहरों से प्रयागराज के हवाई जहाज के किराये को युक्तिसंगत बनाने और अतिरिक्त फ्लाइट जोड़ने का आग्रह किया था। लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। कल मौनी अमावस्या है। इस दिन यदि आप देश के विभिन्न शहरों से प्रयागराज पहुंचना चाहते हैं तो आपको सामान्य किराये से कई गुना खर्च करना होगा। मतलब कि एविएशन कंपनियों के लिए यह कमाई का समय है और वे डीजीसीए की भी नहीं सुन रहे हैं।

आप यदि 29 जनवरी, मौनी अमावस्या को होने वाले स्नान से पहले प्रयागराज रूट पर हवाई किराए में भारी उछाल आ गया है। ट्रैवल पोर्टल के अनुसार, 28 जनवरी को चेन्नई से प्रयागराज जाने और दो दिन बाद वापसी के टिकट के लिए आपको 53,000 रुपये से अधिक खर्च करने पड़ेंगे। इन तिथियों पर कोलकाता से जाने-आाने की टिकट की कीमत 35,500 रुपये से अधिक है। हैदराबाद/मुंबई/दिल्ली से यह 47,500 रुपये से अधिक है और बेंगलुरु से यह 51,000 रुपये से अधिक है।

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अलावा शेष तीन महत्वपूर्ण स्नान तिथियां – 3 फरवरी (बसंत पंचमी), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महा शिवरात्रि और महा कुंभ का समापन दिवस) है। 14 फरवरी को प्रयागराज के लिए जाने का किराया और दो दिन बाद वापसी का किराया दिल्ली से 33,000 रुपये से अधिक है; हैदराबाद/चेन्नई/कोलकाता से 40,000 रुपये और मुंबई/बेंगलुरु से 45,000 रुपये से अधिक है।

पूरे भारत से प्रयागराज के लिए उड़ानों की कुल संख्या 132 हो गई है। तब भी किराया कम नहीं हुआ। डीजीसीए के साथ बैठक के बाद कई एविएशन कंपनियों ने अतिरिक्त फ्लाइट शुरू करने की घोषणा की थी।

आम आदी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने प्रयागराज महाकुंभ के लिए फ्लाइट किराए का मसला उठाया है। उनका कहना है कि इस रूट पर सामान्य किराया 5,000-8,000 रुपये रहता था जो कि इस समय बढ़कर 50,000-60,000 रुपये तक पहुंच गया है।

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