ई-वे बिल दिसंबर में दूसरी बार रिकॉर्ड उच्च स्तर 11.2 करोड़ पर पहुंची

मुंबई- राज्यों के भीतर और राज्यों के बीच माल परिवहन के लिए व्यवसायों की ओर से जारी ई-वे बिल 24 महीनों में दिसंबर में दूसरी बार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल के मुताबिक, दिसंबर, 2024 में ई-वे बिल सालाना आधार पर 17.6 प्रतिशत और मासिक आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 11.2 करोड़ तक पहुंच गए। इस तेजी का असर फरवरी में आने वाले जनवरी के जीएसटी आंकड़ों पर दिखेगा।

आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में ई-वे बिल पांच महीने के निचले स्तर 10.18 करोड़ पर रहा था। अक्तूबर में 11.7 करोड़ के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। 50,000 रुपये से ज्यादा मूल्य के माल की आवाजाही के लिए ई-वे बिल अनिवार्य हैं। यह अर्थव्यवस्था में मांग और आपूर्ति के रुझान का एक शुरुआती संकेतक है।

ई-वे बिलों में तेजी आर्थिक गतिविधि में वृद्धि को दर्शाती है। खास कर त्योहारी सीजन के दौरान अर्थव्यवस्था में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए विनिर्माण क्षेत्र में तेजी आती है। इससे राजस्व भी बढ़ता है और सरकार के हाथ में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर निवेश करने और गरीबों का उत्थान करने संबंधी संसाधन उपलब्ध होते हैं। दिसंबर में जीएसटी संग्रह 7.3 प्रतिशत बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपये रहा था।

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