बैंकों व वित्तीय संस्थानों के खिलाफ शिकायतें 32.8 फीसदी बढ़कर 9.34 लाख

मुंबई- आरबीआई और सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद बैंकों व वित्तीय संस्थानों के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतें कम नहीं हो रही हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 9.34 लाख शिकायतें मिलीं हैं। 2022-23 की तुलना में यह 32.8 फीसदी अधिक है। सबसे अधिक 85,281 शिकायत कर्ज लेने वाले ग्राहकों ने दर्ज कराई है जो 2022-23 में 59,762 थी।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग के खिलाफ शिकायतों की संख्या 43,167 से बढ़कर 57,242 पर पहुंच गई है। जमा और खातों से संबंधित शिकायतों की संख्या 34,481 से बढ़कर 46,358 पर पहुंच गई है। क्रेडिट कार्ड के खिलाफ 34,151 से बढ़कर 42,393 और एटीएम एवं डेबिट कार्ड के खिलाफ 29,925 से घटकर 25,231 शिकायतें मिलीं हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों पर एक साल में जुर्माने की रकम दोगुना बढ़ी है। आरबीआई ने सभी बैंकों पर 2023-24 में 281 कार्रवाई कर 86 करोड़ का जुर्माना लगाया है जो 2022-23 में 211 मामलों में 40 करोड़ रुपये लगाया था।

बैंकों व वित्तीय संस्थानों के खिलाफ भले शिकायतें बढ़ रही हों, बावजूद इसके लोग बैंकों में और वह भी बचत खाते में भी भारी-भरकम रकम रख रहे हैं। बचत खाते पर औसत तीन फीसदी सालाना ब्याज मिलता है। रिपोर्ट बताती है कि बैंकों के बचत खाते में कुल 63.41 लाख करोड़ रुपये जमा हैं, यानी इन पर तीन फीसदी ब्याज मिल रहा है। इसमें 41.83 लाख करोड़ सरकारी बैंकों में, 20.24 लाख करोड़ निजी बैंकों और 57,827 करोड़ विदेशी बैंकों में जमा हैं।

टर्म जमा पर ज्यादा ब्याज मिलता है। इसलिए इस तरह के खातों में 132.46 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। इसमें सरकारी बैंकों में 79.13 लाख करोड़, निजी बैंकों में 45.49 लाख करोड़ और विदेशी बैंकों में 6 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। कुल संपत्तियां 280 लाख करोड़ हैं। सरकारी बैंकों की 154 लाख करोड़ और निजी बैंकों की 105 लाख करोड़ एवं विदेशी बैंकों की 17 लाख करोड़ रुपये हैं।

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