रिकॉर्ड निचले स्तर के बाद भी अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये में कम गिरावट
मुंबई- अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय रुपया भले ही रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया हो, बावजूद इसके यह प्रमुख देशों की मुद्राओं की तुलना में कम गिरा है। रुपया बृहस्पतिवार को पहली बार 85 के पार पहुंच गया था। शुक्रवार को यह 10 पैसा सुधरा, फिर भी 85.03 पर बंद हुआ।
अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति पद के चुनाव के बाद से सभी देशों की मुद्राएं डॉलर की तुलना में कमजोर हुई हैं। आंकड़े बताते हैं कि रुपया 5 नवंबर से लेकर 19 दिसंबर के बीच 1.20 फीसदी कमजोर हुआ है। इसी दौरान फीलीपीन की मुद्रा 1.55 फीसदी, तुर्किये की 2.21 फीसदी, ताईवान की 2.29 फीसदी और थाईलैंड की मुद्रा 3.08 फीसदी टूटी है।
आंकड़ों के मुताबिक, डॉलर की तुलना में इंडोनेशिया की मुद्रा 3.72 फीसदी कमजोर हुई है तो मलयेशिया की मुद्रा में 3.95 फीसदी की गिरावट आई है। दक्षिण कोरिया की मुद्रा 4.77 फीसदी टूटी है।
मुद्रा में गिरावट से आयात के लिए ज्यादा दाम चुकाने होंगे। इससे और ज्यादा महंगाई बढ़ेगी। खासकर ऐसे समय में जब महंगाई दर 5 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। विश्लेषकों के मुताबिक, जब तक नए राष्ट्रपति अर्थव्यवस्था पर अपनी नीतियों का खुलासा नहीं करते, तब तक डॉलर मजबूत बना रहेगा। सभी संकेत यह हैं कि वे डॉलर को मजबूत बनाए रखेंगे और इसलिए सभी मुद्राओं को इसके अनुरूप समायोजित होना होगा।