वैश्विक बाजार में गिरावट से सेंसेक्स 964 अंक टूटकर 80,000 के नीचे पहुंचा

मुंबई- अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान से अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट का असर घरेलू शेयर बाजारों पर भी दिखा। इससे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्स 964.15 अंक या 1.20 फीसदी गिरकर 80,000 के नीचे 79,218.05 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 247.15 अंक या 1.02 फीसदी टूटकर 24,000 के नीचे 23,951.70 पर बंद हुआ। कंपनियों की पूंजी 2.84 लाख करोड़ रुपये घटकर 4,52,60,266 करोड़ रुपये रह गई।

फेडरल रिजर्व बैंक ने बुधवार की देर रात ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी। यह अच्छी खबर थी, लेकिन पॉवेल की टिप्पणियों ने बाजार का मूड बिगाड़ दिया। पॉवेल ने कहा, 2025 में केंद्रीय बैंक सिर्फ दो बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। पहले चार बार ब्याज दर घटाने का पूर्वानुमान दिया था। इससे अमेरिकी बाजार का सूचकांक डाऊजोंस 1,123 अंक व नैस्डैक 600 अंक से ज्यादा टूट गया। इसलिए भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट रही।

भारतीय शेयर बाजार में बृहस्पतिवार को टिकाऊ उपभोक्ता सामान, बैंकिंग और आईटी शेयरों में भारी गिरावट रही। बीएसई सेंसेक्स के कुल 30 में से केवल तीन शेयर बढ़त में और 27 गिरावट में रहे। बढ़ने वालों में सनफार्मा, हिंदुस्तान यूनिलीवर और पावरग्रिड रहे। गिरने वालों में प्रमुख रूप से बजाज फिनसर्व, जेएसडब्ल्यू स्टील, एशियन पेट्स और बजाज फाइनेंस रहे। कुल 4,095 शेयरों में कारोबार। 1,680 तेजी में, 2,315 गिरावट में।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने इस साल दो बार पहले ही दरों में कटौती कर दी थी और यह तीसरी बार थी। महंगाई और बेरोजगारी के कारण अमेरिकी बाजार में लगातार पिछले 10 दिन से गिरावट थी। 50 साल में पहली बार इसका प्रमुख सूचकांक डाऊजोंस लगातार 10 दिन गिरा है।

लगातार चौथे दिन भारतीय बाजार में गिरावट रही है। इस दौरान सेंसेक्स 2,915 अंक या 3.54 फीसदी गिरा है। निफ्टी में 816 या 3.29 फीसदी की गिरावट रही है। इससे बाजार पूंजीकरण 9.66 लाख करोड़ घट गया है। 13 दिसंबर को यह 4,59,42,338 करोड़ रुपये था जो 19 दिसंबर को 4,49,76,402 करोड़ रुपये हो गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *