जेप्टो भी लाएगी आईपीओ, सीईओ ने कहा, अगले साल तक लिस्ट होंगे बाजार में

मुंबई- रोजमर्रा के उपयोग के सामान की आपूर्ति करने वाली कंपनी जेप्टो ने कहा है कि वह पूरी तरह से भारतीय स्वामित्व वाली इकाई बनने और सकारात्मक शुद्ध लाभ का स्तर हासिल करने के रास्ते पर है। कंपनी ने हाल ही में प्रमुख घरेलू निवेशकों से 35 करोड़ डॉलर का फंड जुटाया है।

कंपनी के सीईओ आदित पालिचा 2025 में कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को लेकर आशावादी हैं। पालिचा ने पारंपरिक किराना दुकानों की वृद्धि को बाधित करने और अवरुद्ध करने वाले त्वरित वाणिज्य मॉडल के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि ये बातें वास्तविक आंकड़ों पर आधारित नहीं हैं।

पालिचा ने कहा कि जेप्टो जैसे 10 मिनट में डिलीवरी (वस्तुएं पहुंचाने वाले) वाले मॉडल ने लाखों नौकरियां पैदा की हैं, वेतन में वृद्धि की है, तथा उपभोक्ताओं और श्रमिकों दोनों के लिए सर्वांगीण ‘मूल्य’ का सृजन किया है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि किराने का सामान और दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए बड़े पैमाने पर क्रियान्वित त्वरित वाणिज्य मॉडल अभूतपूर्व है। यह वैश्विक स्तर पर पर बेजोड़ है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय प्रौद्योगिकी की अद्वितीय ताकत को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि प्लेटफॉर्म पर बेचे जाने वाले 99.8 प्रतिशत उत्पाद लागत से अधिक कीमत पर बिकते हैं। सही मायने में पिछले कुछ वर्षों में त्वरित वाणिज्य के बारे में बनाए गए विचार सही नहीं है और आंकड़े भी इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। अत: बाजार खराब करने वाले मूल्य निर्धारण का आरोप वास्तव में सही नहीं हैं।

खाद्य गुणवत्ता सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उन्होंने माना कि इसको लेकर चिंताएं हैं कि उद्योग किस तरह से प्रक्रियाओं को उपभोक्ता-अनुकूल बना सकता है। पालिचा ने कहा कि उद्योग इस जांच का स्वागत करता है और कंपनी के हित ग्राहकों के साथ जुड़े हुए हैं।

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