एसबीआई, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई देश के महत्वपूर्ण बैंक

नई दिल्ली। एसबीआई, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंक बने हैं। इसमें से एसबीआई और एचडीएफसी को अगले साल अप्रैल से अतिरिक्त पूंजी रखनी जरूरी होगी।

भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने कहा, प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंक ऐसे वित्तीय संस्थान हैं जिनकी विफलता या संकट एक व्यापक वित्तीय संकट को जन्म दे सकता। इससे संपूर्ण वित्तीय प्रणाली की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।

आरबीआई के मुताबिक, ये ऐसे वित्तीय संस्थान हैं, जिन्हे संकट आने पर किसी भी स्थिति में बचाना होगा। आरबीआई ने जुलाई में घरेलू प्रणालीगत महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) के लिए एक रूपरेखा जारी की थी। इन्हें अन्य वित्तीय मैट्रिक्स के साथ-साथ एक बड़े पूंजी बफर को बनाए रखने के लिए कहा गया था।

एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक को 2015 और 2016 में डी-एसआईबी के रूप में वर्गीकृत किया गया था। एचडीएफसी बैंक को 2017 में सूची में जोड़ा गया था। इसे एचडीएफसी के साथ विलय के बाद दिसंबर 2023 में उच्च श्रेणी में लाया गया था।

एसबीआई की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत उसकी जोखिम-भारित परिसंपत्तियों के अनुपात में 0.20 फीसदी बढ़कर 0.80 फीसदी हो जाएगी। अभी यह 0.60 फीसदी है। एचडीएफसी बैंक को अपनी जोखिम-भारित परिसंपत्तियों के अनुपात में 0.40 फीसदी का पूंजी अधिभार बनाए रखना होगा। अभी यह वर्तमान में 0.20 फीसदी से अधिक है।

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