अनिल अंबानी की मुश्किल बढ़ी, रिलायंस पावर तीन साल तक हो गई प्रतिबंध
मुंबई- सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने अनिल अंबानी की रिलायंस पावर और उसकी सब्सिडियरी कंपनियों को आने वाले किसी भी टेंडर के लिए बोली लगाने से 3 साल के लिए बैन कर दिया है। अनिल अंबानी की कंपनियों ने टेंडर के लिए फर्जी बैंक गारंटी जमा कराई थी।
SECI ने बयान जारी कर कहा, कंपनी की ओर से बोली (बिडिंग) के आखिरी राउंड में फर्जी बैंक गारंटी दी गई, जिसके बाद इन कंपनियों को बैन किया गया है। SECI ने रिलायंस पावर की सब्सिडियरी कंपनी की ओर से बैंक गारंटी में गड़बड़ियां मिलने पर आखिरी राउंड की बोली को रद्द कर दिया था।
SECI ने कहा कि रिलायंस NU BESS लिमिटेड (पहले बिडर महाराष्ट्र एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड) ने टेंडर के लिए जरूरी जो बैंक गारंटी दी थी, वह फर्जी थी। यह गड़बड़ी ई-रिवर्स नीलामी के बाद पाई गई थी, इसलिए SECI को टेंडर की प्रक्रिया को कैसिंल करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
टेंडर की शर्तों के मुताबिक, नकली डॉक्यूमेंट पेश करने की वजह से बिडर SECI की भविष्य में आने वाले टेंडर के लिए बोली नहीं लगा सकता है। बिडर कंपनी रिलायंस पावर की सब्सिडियरी कंपनी है, इसने पैरेंट कंपनी की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए फाइनेंशियल एलिजिबिलिटी रिक्वायरमेंट को पूरा किया था।