मृत्यु से संबंधित बीमा दावे का अब 15 दिन में होगा निपटान, इरडाई का आदेश
मुंबई- बीमा नियामक इरडाई ने कंपनियों की जवाबदेही और ग्राहक सेवा बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न सेवाओं की समय सीमा घटा दी है। जीवन बीमा के मामले में मृत्यु से संबंधित जिन दावों में जांच की जरूरत नहीं हैं, उन्हें 15 दिनों में निपटाना होगा। अभी यह अवधि 30 दिन की है।
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडाई) ने शुक्रवार को जारी सर्कुलर में कहा, जीवन बीमा में जिस मृत्यु के मामले में जांच की जरूरत है, ऐसे दावों को 45 दिन में निपटाना चाहिए। अभी यह अवधि 90 दिनों की है। मैच्योरिटी दावों, सर्वाइवल लाभ और एन्यूटी पेमेंट्स को उनकी तय तारीखों पर निपटाया जाना चाहिए। पॉलिसी सरेंडर या आंशिक निकासी सात दिनों में पूरी होनी चाहिए।
इरडाई ने कहा, बीमा कंपनियां प्रीमियम भुगतान की सूचनाएं और पॉलिसी भुगतान जैसे मैच्योरिटी या सर्वाइवल लाभ के बारे में पॉलिसीधारकों को जानकारी तय तारीख से कम से कम एक महीने पहले भेजें। यदि कंपनियां समय सीमा को पूरा करने में विफल रहती हैं, तो ग्राहक लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं।
स्वास्थ्य बीमा के मामले में बीमा कंपनियों को कैशलेस दावों का निपटारा तीन घंटे में और गैर-कैशलेस दावों का 15 दिनों में किया जाना चाहिए। नए व्यावसायिक प्रस्तावों को सात दिनों पूरा किया जाना चाहिए। पॉलिसी दस्तावेज एक पखवाड़े में जारी किए जाने चाहिए। फ्री-लुक रद्दीकरण में बीमा कंपनियों को अनुरोध प्राप्त होने के सात दिनों के भीतर धनवापसी की प्रक्रिया करना जरूरी है।
सभी बीमा पॉलिसियाँ इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी की जानी चाहिए। ई-बीमा पॉलिसियों पर ग्राहक डिजिटल हस्ताक्षर कर सकते हैं। यदि ग्राहक चाहते हैं कि पॉलिसी भौतिक प्रारूप में जारी की जाए तो वे बीमा कंपनी से अनुरोध कर सकते हैं। यदि आप भौतिक प्रारूप में पॉलिसी दस्तावेज चाहते हैं, तो आपको प्रस्ताव प्रपत्र में इसे बताना होगा।