15 माह में सबसे कम रही वृद्धि दर, 6.7 फीसदी की दर से बढ़ी अपनी जीडीपी
मुंबई- भारत की अप्रैल-जून तिमाही (Q1FY25) के लिए अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो गई है। भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 6.7% की दर (Q1FY25 GDP Growth rate) से बढ़ी। GDP ग्रोथ में गिरावट की वजह आम चुनावों के दौरान सरकारी खर्च में कमी और खपत रुकना मानी जा रही है।
जून तिमाही में GDP ग्रोथ पिछले 15 महीने (जनवरी-मार्च 2023) के सबसे निचले स्तर पर है। मार्च 2023 की तिमाही (Q4FY23) में भारत की GDP ग्रोथ 6.2% रही थी। हालांकि, जून तिमाही में गिरावट के बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, क्योंकि अप्रैल-जून तिमाही में चीन की GDP ग्रोथ रेट 4.7% थी।
RBI ने जून तिमाही के लिए 7.1% की GDP ग्रोथ का अनुमान लगाया था। मार्च तिमाही (चौथी तिमाही) में GDP ग्रोथ 7.8% थी, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही (पहली तिमाही) में यह 8.2% रही थी। पिछले तीन साल के GDP ग्रोथ के डेटा को देखा जाए तो वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2%, वित्त वर्ष 22-23 में 7.2% और वित्त वर्ष 21-22- में 8.7% की GDP ग्रोथ देखने को मिली थी।
NSO के डेटा के मुताबिक, कृषि क्षेत्र (agriculture sector) में 2% की ग्रोथ रेट देखी गई, जो 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही (पहली तिमाही) में 3.7% थी। तिमाही आधार पर देखें तो पिछली तिमाही (चौथी तिमाही) में एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ रेट 0.6% थी।
हालांकि, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट बढ़कर 7% हो गई। एक साल पहले की समान अवधि में यह 5% थी। पिछली तिमाही में 8.9% थी। खनन क्षेत्र (mining sector) की ग्रोथ रेट इस साल अप्रैल से जून में 7.2% हो गई, जबकि एक साल पहले समान तिमाही में यह 7% थी। तिमाही आधार पर, पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 4.2% रही।
कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ रेट में जून तिमाही में बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह इस साल अप्रैल जून में 10.5% पर आ गई, जबकि एक साल पहले समान तिमाही में यह 8.6% पर थी। चौथी तिमाही में कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ रेट 8.7% रही थी।
बिजली (इलेक्ट्रिसिटी), गैस, वाटर सप्लाई एंड अन्य यूटिलिटी सर्विसेज की ग्रोथ रेट एक साल की समान अवधि के 3.6% मुकाबले बढ़कर 10.4% पर आ गई। पिछली तिमाही में यह 7.7% थी।
जीडीपी यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट देश में एक अवधि के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को मापती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है। जीडीपी इकोनॉमी की हेल्थ को बताती है।