एआई और आर्थिक मंदी से दुनियाभर में 9 करोड़ नौकरियों पर खतरा 

मुंबई- दुनियाभर में अगले पांच वर्षों में 6 करोड़ से ज्यादा नए रोजगार भी पैदा होंगे। हालांकि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी तकनीकों के आने और आर्थिक मंदी के कारण इस दौरान दुनियाभर में 8 करोड़ से अधिक नौकरियों पर खतरा पैदा हो सकता है। विश्व आर्थिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की रिपोर्ट के अनुसार, 45 देशों और 27 उद्योगों में शामिल 803 कंपनियों के सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है। इन कंपनियों में 1.13 करोड़ कर्मचारी काम करते हैं। 

सर्वेक्षण के दुनियाभर में 67 करोड़ से ज्यादा नौकरियां हैं। ऐसे में नई नौकरियों के पैदा होने और पुरानी नौकरियों के खत्म होने के आधार पर 1.4 करोड़ रोजगार पर खतरा होगा, जो कुल नौकरियों का करीब दो फीसदी होगा। डब्ल्यूईएफ ने कहा कि अगले पांच सालों में दुनिया में एक चौथाई नौकरियां घट सकती हैं। इस दौरान नौकरियों में बढ़ोतरी की दर 10.2 फीसदी और गिरावट की दर 12.3 फीसदी रह सकती है। 

सर्वे में 61 फीसदी भारतीय कंपनियों का कहना है कि ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) मानकों के प्रयोग से नौकरी में वृद्धि होगी। 59 फीसदी का मानना है कि नई तकनीक के उपयोग से और 55 फीसदी का मानना है कि डिजिटल पहुंच बढ़ने से नौकरियों में वृद्धि होगी। एआई को लागू करने और प्रबंधित करने में मदद के लिए कंपनियों को नए कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। डेटा विश्लेषकों और वैज्ञानिकों, मशीन लर्निग विशेषज्ञों और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का रोजगार 2027 तक औसतन 30 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। डाटा एंट्री क्लर्क और कार्यकारी सचिवों को सबसे ज्यादा नुकसान होने की उम्मीद है। 

दुनियाभर की तुलना में भारत पर इसका कम असर होगा। भारत में 22 फीसदी नौकरियों में बदलाव दिख सकता है जो वैश्विक स्तर पर 23 फीसदी होगा। भारत में उद्योग परिवर्तन के लिए शीर्ष भूमिकाओं में एआई और मशीन लर्निंग विशेषज्ञ, और डेटा विश्लेषक और वैज्ञानिक होंगे। भारत उन सात देशों में शामिल है जहां गैर-सामाजिक नौकरियों की तुलना में सामाजिक नौकरियों के लिए रोजगार वृद्धि धीमी थी। 

नेक्स्टवेव ने कहा है कि पिछले दो वर्षों में 1,300 से अधिक कंपनियों ने उसके स्नातक छात्रों की नियुक्ति की है। कंपनी की योजना अगले 5 वर्षों में 10,000 से अधिक कंपनियों को शामिल करके सॉफ्टवेयर नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए प्लेसमेंट के अवसरों का सबसे बड़ा साधन बनाने की है। कंपनी के सीईओ राहुल अट्टुलुरी ने कहा, भारत का आईटी उद्योग इस दशक में 3 गुना बढ़ने के लिए तैयार है। हमारा ध्यान प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को इस विशाल अवसर के लिए तैयार करने पर रहा है।

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