ये है मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, पति पत्नी के फर्जी मौत पर तीसरे व्यक्ति को दे दिया क्लेम

मुंबई। अगर आप मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से बीमा ले रहे हैं तो सावधान हो जाइए। हो सकता है आपकी मौत का कोई फर्जी सर्टिफिकेट दिखाकर कंपनी से आपकी रकम हड़प ले। कंपनी इस मामले में कोई जांच नहीं करती है और किसी को भी क्लेम दे देती है।
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस एक्सिस बैंक और मैक्स की संयुक्त उपक्रम कंपनी है। यह बीमा सेवा देती है। पिछले दिनों इस कंपनी से बालकृष्ण पसरीचा ने एक पॉलिसी ली थी। कुछ समय पहले किसी ने दिल्ली एमसीडी से मिलकर पसरीचा का एक फर्जी मौत प्रमाणपत्र बना लिया। इसके बाद उसने इस सर्टिफिकेट को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के पास ले गया और तीसरे के खाते में पसरीचा का क्लेम पास करवा लिया।


यही नहीं, इस घटना के बाद फिर से इसी व्यक्ति ने पसरीचा की पत्नी पूनम पसरीचा का भी मौत का फर्जी प्रमाणपत्र एमसीडी से बनवाया और उनका भी क्लेम तीसरे बैंक अकाउंट में ले लिया। आश्चर्य यह है कि इसी बीमा कंपनी ने पसरीचा को अपना एडवाइजर भी बनाया।
पसरीचा ने कहा कि इससे बड़ा रैकेट कोई और नहीं हो सकता है। जिस कंपनी में मै एडवाइजर हूं, उसी कंपनी ने मेरी और मेरी पत्नी की फर्जी मौत के मामले में तीसरे व्यक्ति को क्लेम दे दिया। उनका सवाल था कि पहले तो क्लेम नामिनी के अकाउंट में जाना चाहिए, और दोनों बीमा पालिसी में नॉमिनी है। यानी बीमा कंपनी ने इसकी कोई जांच नहीं की।


दूसरी बात, इस तरह के फर्जी मौत के मामले में बीमा कंपनी ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि आदमी जिंदा है या मर गया है। ऐसे तो कोई भी फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर क्लेम ले लेगा और बीमा कंपनी दे देगी।


पसरीचा के साथ हुई इस घटना ने बीमा कंपनी पर से विश्वास उठा दिया है। पसरीचा कहते हैं कि मैक्स लाइफ जैसी कंपनी से किसी को भी बीमा नहीं खरीदना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं, जहां वे यह साबित करेंगे कि वे अभी जिंदा हैं और कोर्ट के सामने हैं। जबकि उनको बीमा कंपनी ने मृत मानकर क्लेम किसी और को दे दिया। उनका कहना है कि इस मामले में दिल्ली एमसीडी और बीमा कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत है। बिना मिलीभगत के ऐसा काम नहीं हो सकता है।

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