महिंद्रा एंड महिंद्रा चीन की कंपनी के साथ मिलकर करेगी 25000 करोड़ निवेश
मुंबई- महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) और चीन की Shaanxi Automobile Group ने भारत में कार मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये के संयुक्त उद्यम (जॉइंट वेंचर) पर सहमति जताई है। दोनों को भारत सरकार की मंजूरी मिलने का इंतजार है।
इस मैन्युफैक्चरिंग वेंचर में महिंद्रा एंड महिंद्रा की बहुमत हिस्सेदारी (majority stakeholding) होगी। यह प्लांट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य यानी गुजरात में स्थापित करने का प्रस्ताव है। प्रपोजल में कहा गया है कि इस डील का मकसद असेंबल्ड कारों के साथ-साथ इंजन और कार बैटरी के लिए एक निर्यात-फोकस्ड, एंटिग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सेंटर का निर्माण करना है।
बता दें कि असेंबल्ड कारों को पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (completely built-up units) के रूप में भी जाना जाता है। महिंद्रा ने इस चीनी निवेश के लिए सरकार से मंजूरी मांगी है। भारत सरकार ने भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद चीनी निवेश पर प्रतिबंध कड़े कर दिए थे। 2020 से भारत सरकार की मंजूरी किसी भी चीनी निवेश के लिए जरूरी हो गई है।
यह इन्वेस्टमेंट प्रपोजल ऐसे समय में आया है जब भारत सोलर पैमल और बैटरी निर्माण जैसे गैर-संवेदनशील क्षेत्रों में चीनी निवेश पर प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर रहा है। इसकी वजह यह है कि भारत के पास इन सेक्टर्स की एक्सपर्टाइज की कमी है।
BYD Co Ltd, Great Wall Motor और SAIC की MG Motor जैसी कंपनियों के लिए भारत की अतिरिक्त जांच प्रक्रियाओं के कारण वर्षों से अरबों डॉलर के निवेश या तो डिले हो गए हैं या रद्द हो गए हैं। पिछले साल BYD के 1 बिलियन डॉलर के प्रस्ताव को सुरक्षा चिंताओं के कारण सरकार द्वारा रोक दिया गया था।