विदेशी एयरलाइंस कंपनियों को 10,000 करोड़ का नोटिस, पड़ेगा बुरा असर

मुंबई- वैश्विक एयरलाइन समूह आईएटीए ने भारत में उड़ान भरने वाली विदेशी एयरलाइन कंपनियों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने पर हैरानी जताई है। इसने कहा कि इससे देश की मजबूत विमानन क्षमता प्रभावित हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट संघ (आईएटीए) ने सरकार से इस मामले को सुलझाने की अपील की है।

आईएटीए ने कहा, जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने इस मामले पर उद्योग द्वारा कई आवेदन दिए जाने के बावजूद भारत में परिचालन करने वाली कुछ विदेशी एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डीजीजीआई ने देश में कारोबार कर रही 10 विदेशी एयरलाइनों को 10,000 करोड़ रुपये का टैक्स न चुकाने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है।

जिन कंपनियों को नोटिस भेजा गया है, उनमें ब्रिटिश एयरवेज, लुफ्थांसा, ओमान एयर, अमीरात और सिंगापुर एयरलाइंस शामिल हैं। पिछले तीन दिनों में भेजे गए नोटिस इन एयरलाइंस की भारतीय यूनिट्स पर बकाया टैक्स से जुड़े हैं। इन एयरलाइंस के मुख्य कार्यालय से सेवा के आयात पर टैक्स बकाया है।

आईएटीए के उत्तर एशिया एवं एशिया प्रशांत क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष (अंतरिम) शी जिंगक्वान ने कहा, डीजीजीआई का यह दावा कि विदेशी एयरलाइन (जिनके भारत में शाखा कार्यालय हैं) के मुख्यालयों द्वारा हवाई परिवहन सेवाएं देने के खर्च पर जीएसटी लागू होना चाहिए। यह गलत है। भारत ऐसा करने वाला अकेला देश है। विश्व में कहीं भी ऐसा नहीं होता। शी जिंगक्वान ने कहा, भारत से बाहर के गंतव्यों के लिए उड़ान भरने वाली भारतीय विमानन कंपनियों को ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *