इन्फोसिस के बाद कई और आईटी कंपनियों को मिल सकता है जीएसटी नोटिस
मुंबई- आईटी कंपनी इन्फोसिस पर 32,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की जीएसटी मांग के बाद विदेशी कार्यालयों द्वारा काम से संबंधित कथित कर चोरी की जांच में जल्द ही कई और प्रमुख आईटी सेवा कंपनियों को नोटिस मिल सकता है। इन्फोसिस ने नोटिस के जवाब में कहा कि उसने अपना बकाया चुका दिया है। वह केंद्र और राज्य के नियमों का अनुपालन कर रही है।
कर अधिकारियों ने बताया कि उनकी जांच इन्फोसिस तक ही सीमित नहीं है। यह एक उद्योगव्यापी मुद्दा है। कुछ अन्य आईटी कंपनियों को भी नोटिस भेजे जाने की संभावना है। हालांकि, इसकी कोई समय सीमा तय नहीं है। न ही किसी कंपनी का नाम बताया गया है। इन्फोसिस की तरह ही अन्य आईटी कंपनियों के विदेशी कार्यालय भारतीय आईटी फर्मों के लिए परियोजनाएं चलाते हैं। अन्य कार्यों के अलावा अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करते हैं।
इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने 32,000 करोड़ रुपये के नोटिस को टैक्स टेररिज्म बताया है। उन्होंने कहा, वित्त मंत्रालय को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए, क्योंकि इससे भारत में निवेश प्रभावित होता है। इन्फोसिस भारत की सबसे अच्छी कंपनियों में से एक है। इसलिए यह नोटिस चौंकाने वाला है।
आईटी उद्योग की शीर्ष संस्था नैसकॉम भी इन्फोसिस के समर्थन में आ गई है। इसने कहा, यह कदम उद्योग के ऑपरेटिंग मॉडल की समझ की कमी को दर्शाता है। यह महत्वपूर्ण है कि अनुपालन दायित्व कई व्याख्याओं के अधीन नहीं हैं।