इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदने वाले ग्राहकों को झटका, लौटानी होगी सब्सिडी
मुंबई- इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीद चुके ग्राहकों को सब्सिडी की राशि वापस करना पड़ सकता है, क्योंकि सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने ग्राहकों को मिल चुकी सब्सिडी वापस लेने के लिए सरकार को लेटर लिखा है। इसमें कहा गया है कि ग्राहकों से भी व्हीकल सब्सिडी की रिकवरी की जाए।
दरअसल, हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें केंद्र सरकार ने हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा समेत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली 7 कंपनियों से 469 करोड़ रुपए लौटाने को कहा है। ये कंपनियां फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स II (FAME-II) योजना के नियमों का उलंघन कर प्रोत्साहन राशि (सब्सिडी) ले रही थीं।
जिन कंपनियों पर कार्रवाई की गई थी उनमें हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा, एंपियर ईवी, रिवोल्ट मोटर्स, बेलिनंग इंडिया, एमो मोबिलिटी और लोहिया ऑटो शामिल हैं। भारी उद्योग मंत्री MN पांडे को लिखे पत्र में SMEV ने कहा कि EV कंपनियों को सरकार से मिलने वाली सब्सिडी रद्द हो गई है, ऐसे में जिन ग्राहकों को कंपनियां पहले ही सब्सिडी दे चुके हैं, उनसे ये पैसा इन कंपनियों को वापस करने के लिए कहा जाए।
कुछ EV कंपनियों को कस्टमर्स से ओवरचार्जिंग का पैसा वापस लौटाने के लिए कहा गया था। अगर सब्सिडी पूर्वप्रभाव से लागू होती है, तो ग्राहकों को सब्सिडी दे चुकी कंपनियों को पैसा वापस करने के लिए कहा जाए। मंत्रालय को फेज्ड मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम (PMP) और नॉर्म्स के उल्लंघन की शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद मंत्रालय ने ARAI और ICAT जैसी व्हीकल टेस्टिंग एजेंसियों को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी।
इन एजेंसियों ने 13 EV कंपनियों के कंपोनेंट्स की सोर्सिंग पर विस्तृत जांच की। एजेंसियों ने प्लांट ऑडिट और व्हीकल्स की स्ट्रिप डाउन टेस्टिंग भी की। ये सभी जांच कंपनी के अधिकारियों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ की गई। रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा ने इम्पोर्टेड पार्ट्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है, जो PMP दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। जिन पुर्जों को भारत में तैयार किया जाना चाहिए था, उन्हें भी बाहर से इम्पोर्ट किया गया है।
सरकार ने इन कंपनियों से सब्सिडी की राशि ब्याज समेत लौटाने को कहा और दी जा रही सब्सिडी पर रोक लगा दी। राशि न लौटाने की स्थिति में इन कंपनियों को फेम-2 योजना से 7-10 दिन में डी-रजिस्टर कर दिया जाएगा और योजना में भाग लेने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी। सरकार सब्सिडी को हड़पने के मामले में FIR दर्ज कराने पर भी विचार कर रही है।