सरकार का झूठा दावा- किसानों को गेहूं खरीदी के लिए दिए 61 लाख करोड़
मुंबई- सरकार ने दावा किया है कि उसने चालू रबी सीजन में देश के 22 लाख किसानों को गेहूं खरीद के बदले 61 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है। सरकार ने कुल 2.66 करोड़ टन गेहूं 2,275 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के भाव से खरीद की है। हालांकि, यह आंकड़ा गलत है। क्योंकि केंद्र सरकार ने पिछले एक साल में एमएसपी पर धान और गेहूं खरीद के लिए 1.29 करोड़ किसानों के बैंक खातों में सीधे सिर्फ 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया।
बुधवार को प्रेस इंफ़ॉर्मेशन ब्यूरो यानी पीआईबी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में यह दावा किया गया है। रिलीज के अनुसार, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने चालू रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2024-25 के दौरान 266 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं की खरीद की है, जो पिछले साल के 262 एलएमटी के आंकड़े को पार कर गया है। गेहूं की खरीद के लिए 61 लाख करोड़ रुपये सीधे इन किसानों के बैंक खातों में जमा किए गए हैं।
विभिन्न गेहूं खरीद करने वाले राज्यों से एकत्र किए गए अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्यों ने अपनी गेहूं खरीद की मात्रा में उल्लेखनीय सुधार दिखाया है। उत्तर प्रदेश ने पिछले साल 2.20 एलएमटी की तुलना में 9.31 एलएमटी की खरीद दर्ज की है, जबकि राजस्थान ने पिछले सीजन के 4.38 एलएमटी से 12.06 एलएमटी हासिल किया है।
गेहूं के अलावा, खरीफ विपणन सीजन 2023-24 के दौरान इन किसानों के बैंक खातों में एमएसपी पर धान की खरीद के लिए 1.74 लाख करोड़ रुपये भेजे गए। ये किसान ज्यादातर देश भर में फैले सीमांत किसान हैं। धान की वर्तमान खरीद ने केंद्रीय पूल चावल के स्टॉक को 490 एलएमटी से अधिक कर दिया है, जिसमें मिलिंग के बाद प्राप्त होने वाला 160 एलएमटी चावल भी शामिल है।