जिरोधा में अब नहीं मिलेगी जीरो ब्रोकरेज वाली सुविधा, खत्म करने की योजना
मुंबई- ब्रोकरेज फर्म जिरोधा ‘जीरो ब्रोकरेज फ्रेमवर्क’ खत्म कर सकता है, या फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) की ट्रेडिंग फीस बढ़ा सकता है। जिरोधा के को फाउंडर और CEO नितिन कामत ने ये संकेत दिए हैं। मार्केट रेगुलेटर SEBI के नए सर्कुलर के कारण ऐसा हो सकता है।
नितिन कामत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा- सेबी ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है। उसमें कहा गया है कि स्टाक एक्सचेंज जैसी मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MII) को 2 अक्टूबर 2024 से लगाए जाने वाले चार्ज को ‘लेबल के अनुसार’ लगाना होगा।
कामत ने कहा, इस सर्कुलर का असर न केवल ब्रोकर्स पर बल्कि ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स पर भी पड़ेगा। पूरी संभावना है कि जीरो ब्रोकरेज स्ट्रक्चर को छोड़ना होगा या फिर F&O ट्रेड के लिए ब्रोकरेज बढ़ाना होगा। पूरी इंडस्ट्री में ब्रोकर्स को भी अपनी कीमतों में बदलाव करना होगा।
सेबी ने अपनी सेकेंडरी मार्केट एडवाइजरी कमेटी के साथ चर्चा के बाद MIIs के लिए गाइडलाइन बनाई है। इसके अनुसार एंड क्लाइंट पर लगाए गए चार्ज MIIs को मिले चार्ज से मेल खाने चाहिए। वहीं MIIs को वॉल्यूम के हिसाब से बनाए स्लैब वाइस सिस्टम को हटाना चाहिए।
नितिन कामत ने कहा कि ब्रोकर की ओर से किए गए टोटल टर्नओवर के आधार पर स्टॉक एक्सचेंज ट्रांजैक्शन फीस लेते हैं। ब्रोकर कस्टमर्स से जो फीस लेते हैं और महीने के अंत में एक्सचेंज जो ब्रोकर से फीस लेते हैं उसके बीच जो बच जाता है वही ब्रोकर को जाता है।

