एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के निवेशक सावधान, टॉप 5 में सबसे कम ग्रोथ
जयपुर। देश की शीर्ष पांच म्यूचुअल फंड कंपनियों में शुमार एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के अगर आप निवेशक हैं तो थोड़ा सावधान रहिए। शीर्ष पांच म्यूचुअल फंड कंपनियों में एचडीएफसी म्यूचुअल फंड की सबसे कम ग्रोथ रही है। वह भी तब, जब म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की ग्रोथ पिछले कुछ समय से तेज रफ्तार से बढ़कर 54 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है।
एचडीएफसी म्यूचुअल फंड की ग्रोथ इंडस्ट्री की औसत ग्रोथ से भी कम रही है। उदाहरण के तौर पर जनवरी-मार्च, 2021 की तिमाही में म्यूचुअल फंड का एयूएम यानी निवेशकों के निवेश का मूल्य 32 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 70 पर्सेंट तेजी के साथ इस साल जनवरी-मार्च में 54 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। यानी एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ग्रोथ के मामले में इंडस्ट्री से भी पीछे रहा है।
इसी तरह शीर्ष पांच म्यूचुअल फंड कंपनियों की इसी दौरान ग्रोथ की बात करें तो आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड का एयूएम जनवरी-मार्च, 2021 में 4.05 लाख करोड़ रुपये था। यह 69 फीसदी बढ़कर 6.83 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। एचडीएफसी देश में तीसरे नंबर की कंपनी है। इसका एयूएम इस दौरान 4.15 लाख करोड़ रुपये से 47 पर्सेंट बढ़कर 6.12 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। यानी तब यह आईसीआईसीआई से आगे था, लेकिन अब पीछे हो गया है।
कोटक म्यूचुअल फंड का एयूएम जनवरी-मार्च, 2021 में 2.33 लाख करोड़ रुपये से 63 पर्सेंट बढ़कर अब 3.81 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। निप्पॉन म्यूचुअल फंड का भी एयूएम इसी दौरान 90 पर्सेंट तेजी के साथ 2.28 लाख करोड़ से बढ़कर 4.31 लाख करोड़ रुपये के पार हो गया है। देश में सबसे बड़े फंड हाउस एसबीआई के एयूएम में इस दौरान 85 पर्सेंट की ग्रोथ रही है। यह 5.04 लाख करोड़ से बढ़कर 9.14 लाख करोड़ रुपये के पार हो गया है।
आंकड़े बताते हैं कि शीर्ष पांच के अलावा भी 44 म्यूचुअल फंडों में ऐसे कई फंड हाउस हैं, जिनकी ग्रोथ रेट एचडीएफसी म्यूचुअल फंड से ज्यादा रही है। हालांकि, इसी दौरान एक्सिस म्यूचुअल फंड की भी ग्रोथ काफी कम रही है। यह फंड हाउस महज 20 पर्सेंट की दर से बढ़ा है।
सूत्रों के मुताबिक, एचडीएफसी और एक्सिस दोनों फंड हाउसों में आंतरिक कमियों की वजह से इनकी ग्रोथ रेट पर असर पड़ा है। 2020 में पूंजी बाजार नियामक सेबी ने एचडीएफसी म्यूचुअल फंड में फ्रंट रनिंग के मामले में चार लोगों पर 2 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई थी। फ्रंट रनिंग का मामला किसी जानकारी से पहले ही शेयरों में कारोबार करना होता है। यह सेबी के नियमों के तहत अवैध कारोबार होता है।
सेबी के आदेश के मुताबिक निलेश कपाड़िया और धर्मेश शाह पर 50 लाख रुपए, अशोक नायक पर 40 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई है। इकाब सिक्योरिटीज एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड पर 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। सेबी ने कहा कि अक्टूबर 2006 से जून 2007 की जांच अवधि के दौरान कपाड़िया जून 2000 से 2010 के बीच एचडीएफसी एएमसी के इक्विटी डीलर थे। कपाड़िया ने धर्मेश शाह को एचडीएफसी एएमसी के कारोबार के बारे में सूचना दी थी। नवंबर 2019 में सेबी ने एचडीएफसी एएमसी डीलर की हैसियत से अपने पद का दुरुपयोग करने पर कपाड़िया पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।
इससे पहले 2020 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में जाने माने फंड मैनेजर्स में से एक एचडीएफसी असेट मैनेजमेंट कंपनी के फंड मैनेजर प्रशांत जैन के दो फंड्स को मॉर्निंग स्टार ने डाउनग्रेड कर दिया था। एचडीएफसी इक्विटी और एचडीएफसी टॉप 100 फंड्स को मॉर्निंग स्टार ने गोल्ड से सिल्वर कैटिगरी में डाल दिया था।
मॉर्निंग स्टार के मुताबिक, इसमें जोखिम ज्यादा दिख रहा है। 5 और 10 सालों की अवधि में इस फंड ने अपने बेंचमार्क की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है। दोनों फंड की ज्यादा होल्डिंग एक ही जैसे शेयर में है। एचडीएफसी इक्विटी फंड का एक्सपोजर 44 स्टॉक में है। इसकी मुख्य होल्डिंग आईटीसी, एसबीआई, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस और रिलायंस इंडस्ट्रीज में है। उस दौरान पिछले एक साल में इसने 21.72 प्रतिशत का घाटा दिया था। 6 महीने में एचडीएफसी टॉप 100 स्कीम के वैल्यू में 19.61 प्रतिशत की गिरावट आई थी।