ये हैं दो सगे भाई, 10 और 12 साल की उम्र में ही बन गए कंपनी के सीईओ
मुंबई- बच्चे अपने ग्रेड और स्कूलवर्क को लेकर चिंतित रहते हैं। हालांकि, कुछ असाधारण बच्चे केवल कक्षा 6 और 8 में पढ़ते हुए भारत में एक कंपनी के सबसे कम उम्र के सह-संस्थापक और सीईओ तक बन जाते हैं। ऐसे ही दो प्रतिभाशाली भाई श्रवण और संजय कुमारन रहे हैं। उन्होंने सबसे कम उम्र के ऐप डेवलपर्स का खिताब हासिल किया। दोनों 30 अंडर 30 लिस्ट में शामिल हुए।
श्रवण और संजय कुमारन ने 2011 में चेन्नई में अपने घर से अपनी कंपनी GoDimensions की स्थापना की। तब वे 10 और 12 साल के थे। संजय ने सीईओ के रूप में काम किया। जबकि श्रवण ने प्रेसीडेंट का पद संभाला। थोड़े समय के भीतर दोनों भाइयों ने सात मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किए। इन्हें 50 से ज्यादा देशों में लोकप्रियता हासिल हुई। हजारों यूजरों ने इनका इस्तेमाल किया।
बचपन में प्रोग्रामिंग के प्रति उनकी दिलचस्पी पिता कुमारन सुरेंद्रन के कारण हुई। उन्होंने पिता से सीखकर बचपन से ही कंप्यूटर पर काम करना शुरू कर दिया। दोनों चार साल की छोटी उम्र से ही पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) बनाने लगे।
कुमारन भाइयों की ओर से विकसित पहला ऐप कैच मी कॉप था। यह भारत में बचपन के मशहूर खेल ‘चोर-पुलिस’ से प्रेरित गेमिंग ऐप है। भाइयों ने अन्य ऐप भी विकसित किए हैं। इनमें चाइल्ड एजुकेशन ऐप- अल्फाबेट बोर्ड और कलर पैलेट, इमरजेंसी सर्विस ऐप- इमरजेंसी बूथ, द प्रेयर ऐप और गेमिंग ऐप- सुपरहीरो और कार रेसिंग शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने 150 टेस्ट ऐप भी बनाए हैं।
बाद में दोनों होनहार भाइयों ने अमेरिका में टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की। दोनों के लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, श्रवण अभी सैन फ्रांसिस्को में सेल्सफोर्स में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में कार्यरत हैं। वहीं, संजय माइक्रोसॉफ्ट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर इंटर्न के तौर पर काम करते हैं।