एक दशक में देश में नया निवेश का दूसरा रिकॉर्ड स्तर, 27.9 लाख करोड़ रुपये
मुंबई- वित्त वर्ष 2023-24 में नया निवेश 27.9 लाख करोड़ रुपये रहा है। पिछले एक दशक में यह दूसरा रिकॉर्ड है। इससे पहले 2022-23 में यह 38.96 लाख करोड़ रुपये रहा था। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी यानी सीएमआईई के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में कंपनियों के निवेश और खपत में अच्छी खासी तेजी बनी रह सकती है।
सीएमआईई के मुताबिक, केंद्र सरकार पूंजीगत खर्च बढ़ा रही है। लेकिन यह हमेशा निजी निवेश के स्तर पर दिखाई नहीं देता है। पिछले वर्ष की तुलना में निवेश कम है, लेकिन कोविड के पहले की तुलना में काफी सुधार हुआ है। सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की वृद्धि 7.8% स्तर पर रहने के साथ यह स्वाभाविक है कि निजी निवेश का भी अच्छा समर्थन मिलेगा।
ऐसी उम्मीदें हैं कि वित्त वर्ष 2024 के मुकाबले वित्त वर्ष 2025 में खपत और निवेश दोनों बेहतर रहेंगे। अधिक खपत से क्षमता का बेहतर उपयोग होगा जिसके परिणामस्वरूप निवेश की अधिक मांग हो सकती है। आंकड़ों के मुताबिक, दूसरी और तीसरी तिमाही में सुस्ती के बाद चौथी तिमाही में प्रदर्शन अच्छा रहा है।
अगर वित्त वर्ष 2019 से देखें तो हर बार अंतिम तिमाही में यह बढ़ा है। 2019 में यह 5.63 लाख करोड़, 2020 में 5.54 लाख करोड़, 2021 में 4.40 लाख करोड़, 2022 में 9.82 लाख करोड़, 2023 में 15.96 लाख करोड़ रुपये रहा है। हालांकि, वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही से यह कम है। सबसे ज्यादा निवेश जिन सेक्टरों में हुआ है, उनमें विनिर्माण, इलेक्ट्रिसिटी और सेवाएं हैं।