केवाईसी पर कुछ कॉरपोरेट की बढ़ सकती है जांच, गलत कामों पर अंकुश
मुंबई- सरकार अपने ग्राहक को जानो यानी केवाईसी जरूरतों सहित कॉरपोरेट्स के कुछ वर्ग की जांच बढ़ाने पर विचार कर सकती है। इसका मकसद बेईमान तत्वों को बाहर करने और संभावित गलत कामों पर अंकुश लगाना है। वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रही है।
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, एक समान केवाईसी से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जा रही है। केवाईसी जरूरतों के लिए पैन का उपयोग किया जा रहा है। मंत्रालय अन्य कानूनों के अलावा कंपनी कानून और लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) अधिनियम लागू कर रहा है। अधिकारी ने कहा कि कॉरपोरेट्स के कुछ वर्ग के लिए बढ़ी हुई केवाईसी जरूरतों का पता लगाया जा सकता है।
आंकड़ों के अनुसार, 31 जनवरी, 2024 तक देश में 26,28,865 कंपनियां पंजीकृत थीं। इसमें से 16,65,438 कंपनियां या 63 फीसदी सक्रिय थीं। इस वर्ष जनवरी के अंत में कुल 3,16,402 एलएलपी सक्रिय थीं। मंत्रालय के नियुक्त पैनल कुछ संस्थाओं में कॉरपोरेट प्रशासन संबंधी चिंताओं की पृष्ठभूमि में स्टार्टअप्स के लिए एक सख्त नियामक व्यवस्था की संभावनाओं पर चर्चा कर रहा है।