आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इंडिया अपॉर्चुनिटीज फंड में निवेश 5 साल में करीब तीन गुना
मुंबई- आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इंडिया अपॉर्चुनिटीज फंड विशेष परिस्थितियों की थीम पर आधारित एक इक्विटी ओरिएंटेड ऑफर है। विशेष स्थिति तब होती है जब कोई कंपनी किसी अस्थायी समस्याओं के दौर से गुज़र रही होती है जिसके परिणामस्वरूप प्राइस करेक्शन होता है। पर इस दरमियान कंपनी के लॉंग टर्म फंडामेंटल मजबूत बने रहते हैं। किसी विशेष परिस्थिति का निर्माण तब होता है जब कंपनी या सेक्टर से जुड़े कायदे कानून या रेगुलेटरी परिवर्तन होते हैं या वैश्विक स्तर पर बड़ी घटनाएं घटती है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इंडिया अपॉर्च्युनिटीज जैसा फंड ऐसी विशेष परिस्थितियों से गुजर रही कंपनियों में निवेश कर मौके का फायदा उठाना चाहता है। फंड का पांच साल का ट्रैक रिकॉर्ड है और इन वर्षों में इसने अच्छा-खासा अल्फा प्रदान किया है।
फंड हाउस के सीआईओ शंकरन नरेन और रोशन चुटके द्वारा प्रबंधित इस बेमिसाल फंड ने लगातार कई सफल सेक्टोरल कॉल किए हैं। शुरुआत में अर्थात 15 जनवरी, 2019 को 10 लाख रुपये का किया गया एकमुश्त निवेश 15 जनवरी, 2024 तक बढ़कर 28 लाख रुपये हो गया है, जो 22.9% का शानदार सीएजीआर की दर से रिटर्न है। इसकी तुलना में, स्कीम के बेंचमार्क निफ्टी 500 टीआरआई – में यह निवेश केवल 23 लाख रुपये हुआ यानी कि जिसका 19% सीएजीआर की दर से रिटर्न मिला है।
इसके अलावा, तीन साल में इस फंड ने बेंचमार्क के 19.8% के सीएजीआर की तुलना में 37.7% का सीएजीआर रिटर्न दिया है। इसी तरह, पिछले एक साल में भी, बेंचमार्क के 30.6% को पार करते हुए इसने 38.1% का रिटर्न देकर अपने बेहतरीन परफॉरमेंस का सिलसिला जारी रखा।
जब एसआईपी की बात आती है तो यदि किसी निवेशक ने शुरुआत से ही 10,000 रुपये का मासिक एसआईपी शुरू किया तो कुल किया गया निवेश 6 लाख रुपये होगा। अब 31 जनवरी, 2024 तक यह बढ़कर 12.58 लाख रुपये हो गया जो 30.13% का दमदार सीएजीआर रिटर्न दर्शाता है। योजना के बेंचमार्क में एक समान एसआईपी ने उसी अवधि के दौरान 22.01% का रिटर्न दिया है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के ईडी और सीआईओ एस नरेन ने कहा, “विशेष परिस्थितियों को एक थीम के रूप में मौजूदा दौर में भारतीय निवेशकों के बीच कम ही पसंद किया जाता है। इसका उद्देश्य क्राइसिस के समय को निवेशकों के लिए लॉंग टर्म में अवसरों में बदलना है। मुख्य इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी विशेष परिस्थितियों में कंपनियों की पहचान करना है जिनके लिए 360-डिग्री स्टॉक रिसर्च की आवश्यकता होती है।
अब तक फंड को जिस चीज से मदद मिली है, वह है उपयुक्त फंडों का चुनाव और समय पर मुनाफावसूली अर्थात प्रॉफ़िट बुकिंग। कुछ शेयरों पर दांव लगाने से बेंचमार्क के मुकाबले अल्फा जेनरेशन में भी मदद मिली है। स्कीम रिटर्न में योगदान देने वाले कुछ प्रमुख सेक्टर ऑटो, टेलीकॉम, फार्मा, पावर, बैंक और फाइनैन्स रहे हैं।
फंड में विदेशी प्रतिभूतियों में निवेश करने की सुविधा है। 31 दिसंबर, 2023 तक फंड का एयूएम 15,205.04 करोड़ रुपये है, जिसमें पोर्टफोलियो का 69% हिस्सा लार्ज कैप का है। इसके बाद मिडकैप का 21% और स्मॉल-कैप शेयरों का 10% हिस्सा है। यह पोर्टफोलियो को बाजार पूंजीकरण में अच्छी तरह से डायवर्सीफाइड बनाता है। फंड की टॉप होल्डिंग्स के सेक्टोरल डिस्ट्रीब्यूशन में बैंकों, फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार सेवाओं और फाइनेंस सेक्टर में प्रमुखता से एलोकेशन किया गया है।
फंड की प्रकृति को देखते हुए, जोखिम लेने की क्षमता वाले निवेशकों को फंड में निवेश करने पर विचार करना चाहिए। यह देखते हुए कि निवेश की थीसिस को लागू होने में समय लग सकता है, ऐसे फंड में निवेश करते समय लंबे समय तक टिके रहने की प्रवृत्ति भी आवश्यक है।