13 साल लड़कर विधवा ने इफको टोकियो से लिया 13 लाख रुपये मुआवजा
मुंबई- एक विधवा ने सड़क दुर्घटना में मारे गए अपने पति के मामले में 13 साल तक की लंबी लड़ाई लड़कर इफको टोकियो इंश्योरेंस से 13.70 लाख रुपये का मुआवजा लिया है। इसमें ब्याज भी शामिल है। सुप्रीमकोर्ट ने कंपनी को आदेश दिया कि वह पीड़ित को उपरोक्त रकम का भुगतान करे।
हरियाणा में टेंपो ने एक मोटरसाइकिल सवार को पीछे से टक्कर मार दी थी। इसमें बाइक सवार की मौत हो गई थी। मृतक के परिवार ने दिल्ली में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) से संपर्क किया। जांच से पता चला कि टेंपो के ड्राइवर ने वाहन मालिक को फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस दिया था।
हालाँकि, वाहन मालिक के परिवार ने विभिन्न अदालतों में यह दावा किया कि उन्हें नहीं पता था कि उनके किराए के ड्राइवर के पास नकली ड्राइविंग लाइसेंस है। इस बीच टेम्पो मालिक की मृत्यु हो गई। एमसीएटी ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 6 जुलाई, 2018 को टेंपो मालिक के परिवार को आदेश दिया कि पीड़ित परिवार को ब्याज सहित 13.70 लाख रुपये का मुआवजा दें।
एमसीएटी ने इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस को मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं माना। लेकिन बीमा कंपनी को वाहन मालिक से इसे वसूलने की स्वतंत्रता के साथ ट्रिब्यूनल के पास मुआवजा राशि जमा करने का निर्देश दिया। केस हारने के बाद टेंपो मालिक के परिवार ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की। जांच के बाद पता चला कि उजल पाल को जारी लाइसेंस मथुरा आरटीओ से था, जो फर्जी था।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि बीमा कंपनी के पास यह अधिकार नहीं है कि वह मुआवजे की रकम टेंपो के परिवार वालों से वसूले। इस रकम को बीमा कंपनी को भरना होगा। इसके बाद इफको टोकियो ने सुप्रीमकोर्ट में अपील की। कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि बीमा कंपनी को ही यह रकम देनी होगी। वह इसे टेंपो मालिक के परिवार से नहीं वसूल सकती है। कोर्ट ने कहा, बीमा कंपनी पर यह साबित करने की जिम्मेदारी है कि वाहन चलाने के लिए ड्राइवर नियुक्त करने से पहले लाइसेंस के संबंध में टेंपो मालिक की कोई विफलता थी। ऐसे में वह मुआवजा की रकम भरेगा।