मिलेगी राहत, नई फसल आने पर सितंबर से घट सकते हैं सब्जियों के दाम
मुंबई- आम लोगों को सब्जियों की महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार को उम्मीद है कि बाजार में नई फसलों के आने के साथ अगले महीने से सब्जियों की कीमतें कम होने लगेंगी। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने रविवार को कहा, कच्चे तेल के बढ़ते भाव को लेकर थोड़ी चिंता है। हालांकि, यह अभी भी 90 डॉलर प्रति बैरल से नीचे है।
अधिकारी ने कहा, सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रही है। इसमें गेहूं और चावल के भंडार को जारी करना, चावल, चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना और दालों तथा तिलहनों के आयात की मंजूरी देना शामिल है। यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक खाद्य कीमतें बहुत अधिक हैं और खाद्यान्न की आपूर्ति प्रभावित हुई है। यह एक वैश्विक कारक है, जिससे भारतीय अलग नहीं रह सकते हैं।
टमाटर की कीमतों को कम करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं और आने वाले महीनों में इसका असर दिखाई देगा। मौजूदा अस्थायी रूप से ऊंची महंगाई आंशिक रूप से सब्जियों के कारण है। मुझे उम्मीद है कि सब्जियों की कीमतें शायद अगले महीने तक कम हो जाएंगी। जुलाई में खुदरा महंगाई 15 महीने के उच्च स्तर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई थी। इसमें सब्जियों में महंगाई 37.44 प्रतिशत, मसालों में 21.63 प्रतिशत, दालों और उत्पादों में 13.27 प्रतिशत और अनाज और उत्पादों में 13 प्रतिशत थी।
अधिकारी ने कहा, सरकार बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ा रही है और निजी क्षेत्र के पूंजी निवेश में अभी तेजी आना बाकी है। केंद्र का पूंजीगत खर्च सितंबर के आखिर तक बजट अनुमान का 50 फीसदी तक हो जाएगा। यह आंकड़ा जून तिमाही में 28 फीसदी था। सरकार ने 2023-24 के बजट में पूंजीगत खर्च को 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया था।
अधिकारी ने कहा, बजट गणना में कच्चे तेल की कीमतें शामिल नहीं हैं, क्योंकि सरकार तेल विपणन कंपनियों को सब्सिडी नहीं देती है। इसलिए कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का राजकोषीय गणित पर कोई असर नहीं पड़ता है।