सरकारी बैंकों का मुनाफा 9 साल में तीन गुना बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये  

मुंबई- पिछले 9 वर्षों में सरकारी बैंकों का मुनाफा तीन गुना बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 2014 में इन बैंकों का मुनाफा 36,270 करोड़ था। केंद्र सरकार के किए गए उपायों के चलते ऐसा संभव हुआ है। भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए आगे भी यही रफ्तार जारी रहनी चाहिए। साथ ही चालू वित्त वर्ष में बैंकों का बुरा फंसा कर्ज (एनपीए) 3.8 फीसदी के निचले स्तर को छू सकता है। 

बैंकों को आराम से बैठकर सफलता पर जश्न नहीं मनाना चाहिए। उन्हें कॉरपोरेट गवर्नेंस के नियमों, नियामकीय मानदंडों का पालन करना चाहिए। तरलता प्रबंधन को सुनिश्चित करने के साथ संपत्ति और कर्ज व जोखिम प्रबंधन पर ध्यान दें। साथ ही, कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़े सिद्धांतों का पालन करके उपलब्धियों को आगे बढ़ाएं। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा, 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले बैंकिंग प्रणाली में कठिनाई वास्तव में ‘फोन बैंकिंग’ के कारण शुरू हुई थी, जो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई थी। उस समय, गैर-पेशेवर तरीके से अपात्र ग्राहकों को कर्ज देने में प्राथमिकता दी गई थी। परिणामस्वरूप ये कर्ज एनपीए बन गये। 

बैंकों को वित्तीय समावेशन योजनाओं का अधिकतम उपयोग हासिल करने के लिए लोगों तक पहुंचने में सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने का प्रयास करना चाहिए। उन राज्यों में बैंकों को उधारी बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए, जहां अभी राष्ट्रीय औसत से कम कर्ज दिया जा रहा है। खासकर देश के पूर्वोत्तर और पूर्वी हिस्सों में। 

वित्त मंत्री ने कहा, सरकार की विभिन्न पहलों के चलते ट्विन बैलेंसशीट की समस्या दूर हो गई है। रिजर्व बैंक का मानना है कि ट्विन-बैलेंस शीट से अर्थव्यवस्था को फायदा मिल रहा है। इस समस्या का अर्थ है कि एक ही समय में बैंकों और कॉरपोरेट की वित्तीय सेहत में गिरावट होगा जिससे कर्ज लेने और देने वाले तनाव में रहते हैं। दूसरी ओर अगर कर्ज लेने वाले इसे चुकाने की स्थिति में हैं, तो यह ‘ट्विन-बैलेंस शीट’ से लाभ मिलने की स्थिति है। 

सीतारमण ने कहा, स्थिर रेटिंग के बावजूद कुछ वैश्विक बैंक ढह गए। दूसरी तरफ पेशेवर प्रबंधन की वजह से भारतीय बैंक अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बैंकों से डिजिटल सुरक्षा के लिए लगातार कवायद जारी रखने और इस प्रणाली के आसपास पर्याप्त फायरवॉल सुनिश्चित करने के लिए कहा। बैंकों को ग्राहक के कामों को जल्द से निपटाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करना चाहिए। 

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