एक जुलाई से एचडीएफसी बैंक व एचडीएफसी लि. एक होंगे, पारेख का कार्यकाल 3 दिन और
मुंबई- देश के कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा विलय एक जुलाई से अमल में आ जाएगा। एचडीएफसी लि एचडीएफसी बैंक में मिल जाएगा। 30 जून को दोनों कंपनियों के बोर्ड की बैठक होगी जो एचडीएफसी लि की अंतिम बैठक भी होगी। इसमें विलय को मंजूरी दी जाएगी।
एचडीएफसी लि के चेयरमैन दीपक पारेख ने मंगलवार को बताया कि दोनों का विलय एक जुलाई से अमल में आएगा। पिछले साल 4 अप्रैल को इसकी घोषणा की गई थी। इस सौदे का मूल्य करीब 40 अरब डॉलर आंका गया है। प्रस्तावित संस्थान की संपत्ति करीब 18 लाख करोड़ रुपये की होगी।
इसी के साथ दीपक पारेख का 46 साल की एक सफल यात्रा का भी समापन होगा। 30 जून को होने वाली बोर्ड बैठक के बाद उनका कार्यकाल खत्म हो जाएगा। एचडीएफसी लि की शुरुआत 1978 में दीपक पारेख के चाचा एचटी पारेख ने की थी। एचटी पारेख उस समय आईसीआईसीआई लि से रिटायर हुए थे।
एचडीएफसी लि के हर 25 शेयर पर एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे। हालांकि इसकी रिकॉर्ड डेट अभी तय नहीं की गई है। 13 जुलाई से एचडीएफसी लि के शेयरों में कारोबार रुक जाएंगे। विलय वाली कंपनी के नए शेयर 17 जुलाई को सूचीबद्ध होने के बाद कारोबार करेंगे। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा, विलय के बाद एचडीएफसी बैंक के शेयरों में तेजी की उम्मीद बनी रहेगी।
एचडीएफसी लि का होम लोन एचडीएफसी बैंक में चला जाएगा। अक्तूबर, 2019 से बैंकों को सभी खुदरा कर्ज बाहरी बेंचमार्क (ईबीएलआर) से जोड़ना जरूरी है। यह बाहरी बेंचमार्क आरबीआई की रेपो दर, 3 या 6 माह के ट्रेजरी बिल के आधार पर हो सकते हैं।
दूसरी ओर, एचडीएफसी लि एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है, जिसे खुदरा कर्ज को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ना जरूरी नहीं है। इसलिए जब विलय होगा तो एचडीएफसी लि के ग्राहकों का होम लोन 6 माह के अंदर बाहरी बेंचमार्क से जुड़ जाएगा।
ईबीएलआर की दर आरबीआई के रेपो के आधार पर चलती है। यह ग्राहकों के लिए अच्छा होगा, क्योंकि इसमें पारदर्शिता और जवाबदेही होगी। कभी भी दर में कटौती का लाभ उन्हें समय पर मिलेगा। साथ ही अभी जो नियम एचडीएफसी लि के हैं, वे पहले की तरह रहेंगे। विलय के बाद उसमें कोई बदलाव नहीं होगा। ज्यादातर समय, जब रेपो दर कम होती है तो एनबीएफसी ग्राहकों को बहुत देर से इसका लाभ देती हैं, क्योंकि कर्ज दरें सीधे ईबीएलआर से जुड़ी नहीं होती हैं। ऐसे में जब भी आरबीआई रेपो दरें कम करेगा तो पूरा लाभ उधारकर्ताओं को मिलेगा।
बैंक विशेष रूप से चालू खाता और बचत खाता (कासा) का उपयोग कर्ज देने के लिए करते हैं। ऐेसे में एचडीएफसी बैंक कम ब्याज दरों पर अधिक पैसा उधार लेने की स्थिति में होगा। इसलिए इसका लाभ नए और पुराने ग्राहकों को दे सकता है। विलय के बाद यदि बैंक होम लोन की ब्याज दरें कम करता है या अन्य लाभ प्रदान करता है, तो मौजूदा एचडीएफसी लि के ग्राहकों को इसका लाभ मिलेगा।
चूंकि एचडीएफसी लि के जो भी ग्राहक हैं, उनका बैंक खाता कहीं और होता है। ऐसे में जब इसके होम लोन खाते बैंक में चले जाएंगे तो वहां पर एक बचत खाता भी ग्राहकों को खोलना पड़ सकता है। ऐसे में बैंक को एक साथ 35 लाख खाते मिल सकेंगे। एचडीएफसी लि के 50 लाख ग्राहकों में से 70 फीसदी के खाता किसी और बैंक में हैं।
एचडीएफसी लि के जो अभी ग्राहक हैं, उनको विलय के बाद होम लोन के लिए नया बैंक मैंडेट नहीं करना होगा। ऐसी उम्मीद है कि बैंक कागजी कार्रवाई कम करने और ग्राहकों को राहत देने के लिए वर्तमान व्यवस्था को चालू रख सकता है।
बैंक ग्राहकों से केवाईसी अपडेट को कह सकता है। क्योंकि दोनों संस्थानों के नियम अलग-अलग हैं। कुछ ग्राहकों के लिए किस्त को नए सिरे से बैंक से मंजूरी के लिए कहा जा सकता है। जानकारों का कहना है कि विलय के बाद काफी सारे बदलाव हो सकते हैं, पर यह चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे होगा।
वर्तमान में एचडीएफसी लि के कुल लोन का 30 फीसदी हिस्सा बैंक लाता था। 50 फीसदी हिस्सा क्रेडिला सेल और 18 फीसदी तीसरी पार्टी के जरिये आता था। विलय से पहले बैंक की केवल 2000 शाखाएं ही होम लोन लाती थीं। अब करीब 8,500 शाखाएं यह काम करेंगी। एचडीएफसी लि की कोई शाखा अगर बैंक की शाखा के आसपास है तो उसे या तो सेवा केंद्र बनाया जाएगा या फिर उसे बंद भी कर सकते हैं क्योंकि ज्यादातर शाखाएं किराये वाली हैं। इससे बैंक की लागत बचेगी। एचडीएफसी बैंक के केवल 5 फीसदी ग्राहक ही होम लोने लेते हैं जिसमें से दो फीसदी एचडीएफसी लि से लेते हैं। ऐसे में अब बैंक ज्यादा ग्राहकों को कर्ज दे सकेगा।
बाजार पूंजीकरण के लिहाज से एचडीएफसी बैंक विलय के बाद दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। अभी एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप 9.18 लाख करोड़ और एचडीएफसी लि का मार्केट कैप 5.10 लाख करोड़ है जो बाद में 14.37 लाख करोड़ हो जाएगा। रिलायंस इस समय 16.88 लाख करोड़ और टीसीएस 11.68 लाख करोड़ रुपये पर है।