जेम पोर्टल विक्रेताओं को देरी से भुगतान पर सरकार देगी ब्याज, जुलाई से नियम 

मुंबई- सरकारी खरीद वाले जेम पोर्टल पर अगर किसी विक्रेता को देर से भुगतान होता है तो सरकारी मंत्रालय और विभाग उसे ब्याज देंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, साल 2020 में फैसला किया गया था कि इस प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने वाले विक्रेताओं को देरी से भुगतान होता है तो एक फीसदी का जुर्माना भी खरीदारों से लिया जाएगा। 

सरकारी ई-मार्केट (जेम) के सीईओ पी के सिंह ने कहा, केंद्र सरकार के मामले में भुगतान 10-15 दिनों में होता है, जबकि राज्य सरकारों के मामले में समस्याएं हैं। हम इस पर काम कर रहे हैं। जुलाई के अंत तक दंडात्मक ब्याज लगाने की प्रक्रिया चालू हो जाएगी। ब्याज अक्तूबर से लिया जाएगा। जेम पोर्टल को 9 अगस्त, 2016 को शुरू किया गया था। 

जेम से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद इस वित्त वर्ष में 3 लाख करोड़ रुपये को पार करने का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष में 2 लाख करोड़ रुपये के पार था। जेम के पास 63,000 से अधिक सरकारी खरीदार संगठन और 62 लाख से अधिक विक्रेता और सेवा प्रदाता हैं। यह पोर्टल स्टेशनरी से लेकर वाहनों तक उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। इसमें ऑटोमोबाइल, कंप्यूटर और ऑफिस के फर्नीचर कुछ प्रमुख उत्पाद हैं। 

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