वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अनिश्चितताओं वाला रहेगा समय
जर्मनी। महंगाई और बढ़ती ब्याज दरों से वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए यह साल और अगला वर्ष अनिश्चितताओं वाला रहेगा। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने इसके साथ ही चालू वर्ष में वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 2.7 फीसदी कर दिया है, जो नवंबर में 2.2 फीसदी था। अगले साल वैश्विक वृद्धि दर 2.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
ओईसीडी के सदस्यों में 38 देश शामिल हैं। इसने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद पुनरुद्धार यूक्रेन पर रूस के हमले के चलते ऊर्जा कीमतों में आई तेजी से प्रभावित होगा। ऐसे में महामारी-पूर्व के वर्षों की तुलना में वृद्धि कम रहेगी। 2013-2019 में औसत वैश्विक वृद्धि 3.4 फीसदी रही थी। आगे का रास्ता जोखिमों भरा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध, विकासशील देशों में कर्ज संकट और ब्याज दरों में तेज वृद्धि से बैंक और निवेशक प्रभावित हुए हैं। हालांकि, ओईसीडी का यह अनुमान विश्व बैंक के आकलन से ज्यादा है। विश्व बैंक का अनुमान है कि चालू वर्ष में वैश्विक वृद्धि वृद्धि दर 2.1 फीसदी रहेगी।
ओईसीडी ने कहा, ऊर्जा की कीमतें यूक्रेन आक्रमण-पूर्व के स्तर तक गिर गई हैं। इससे महंगाई के हालिया प्रकोप को कम करने में मदद मिली है। लेकिन वे लागत अभी भी 2021 की शुरुआत से पहले की तुलना में अधिक हैं। ओईसीडी 20 देशों के समूह (जी-20) में महंगाई को पिछले वर्ष के अंत में 7.8 फीसदी के अनुमान से घटाकर इस वर्ष के अंत तक 5.2 फीसदी किया है।
विश्व की अधिकांश वृद्धि चीन, भारत, इंडोनेशिया और सिंगापुर जैसी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं से आएगी। चीन में विकास दर इस साल 5.4 फीसदी और अगले साल 5.1 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद है, क्योंकि पर्यटन और मनोरंजन जैसी सेवाएं कोरोना से उबर रही हैं।