टाटा कैपिटल ला सकती है आईपीओ, कई कंपनियों को एक में मिलाएगी
मुंबई-टाटा ग्रुप की फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी टाटा कैपिटल 2025 में आईपीओ लाने की तैयारी में है। उससे पहले कंपनी अपनी सहयोगी कंपनियों को कंसोलिडेट करने में जुटी है। टाटा कैपिटल ग्रुप की तीन कंपनियों की होल्डिंग कंपनी है। इनमें टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज, टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस और टाटा क्लीनटेक कैपिटल शामिल हैं।
आरबीआई ने पिछले साल सितंबर में टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज को नॉन बैंकिंग लेंडर्स की लिस्ट में शामिल किया था। आरबीआई की शर्तों को पूरा करने के लिए कंपनी को अब बोर्ड से मंजूर नीतियों के लागू करना होगा और तीन साल के भीतर लिस्ट होना होगा।
जानकारों का कहना है कि बोर्ड इस बात का फैसला करेगा कि इसे अलग से लिस्ट किया जाए या होल्डिंग कंपनी के साथ मर्ज कर दिया जाए। इस बारे में टाटा कैपिटल ने कोई टिप्पणी नहीं की। अधिकारियों का कहना है कि कंसोलिडेशन के बाद कुछ लोगों की भूमिका में बदलाव हो सकता है। आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक एनबीएफसी को कैपिटल जरूरत, गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स और रेगुलेशन से जुड़ी कुछ शर्तों को पूरा करना होता है। टाटा कैपिटल का कंसोलिडेटेड बुक साइज 31 मार्च, 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक 94,349 करोड़ रुपये है।
वित्त वर्ष 2022 के दौरान टाटा कैपिटल की आय 10253 करोड़ रुपये रही थी। इस दौरान कंपनी का फायदा भी 46 फीसदी बढ़कर 1648 करोड़ रुपये रहा था। इससे पहले टाटा ग्रुप की किसी कंपनी का आईपीओ 19 साल पहले आया था। टाटा ग्रुप साल 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का आईपीओ लाया था। टीसीएस आज देश की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी है।