एसबीआई ने कर्ज महंगा किया, एफडी पर भी ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी किया
मुंबई- देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों को झटका दिया है। एसबीआई ने सभी अवधि के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स यानी एमसीएलआर में 0.10 फीसदी का इजाफा किया है। बढ़ी हुई दर 15 फरवरी से लागू हो गई है।
बैंक ने इस साल दूसरी बार MCLR में इजाफा किया है। इससे पहले जनवरी में भी बैंक ने एमसीएलआर में 10 बेसिस अंक की बढ़ोतरी की थी। लेकिन क्या आप जानते हैं MCLR क्या होता है? इसमें बढ़ोतरी होने से ग्राहकों पर क्या असर पड़ता है।
बता दें कि MCLR भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई एक पद्धति है जो कॉमर्शियल बैंक्स द्वारा ऋण ब्याज दर तय करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। भारत में नोटबंदी के बाद से इसे लागू किया गया है जिसकी वजह से लोन लेना थोड़ा आसान हो गया है। बैंकों से लोन लेने पर ब्याज दर निर्धारित करने के लिए अप्रैल 2016 में आरबीआई ने एमसीएलआर की शुरुआत की थी। इसका इस्तेमाल कमर्शियल बैंक लोन का इंटरेस्ट रेट तय करने के लिए करते हैं।
जब आप किसी बैंक से कर्ज लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर कहा जाता है। आधार दर से कम दर पर बैंक किसी को लोन नहीं दे सकता। इसी आधार दर की जगह पर अब बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका कैलकुलेशन फंड की मार्जिन कास्ट, टर्म प्रीमियम, ऑपरेटिंग एक्सपेंसेस और कैश रिजर्व रेशियो को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है। बाद में इस गणना के आधार पर लोन दिया जाता है। यह आधार दर से सस्ता होता है। इस वजह से होम लोन जैसे लोन्स भी इसके लागू होने के बाद से काफी सस्ते हुए हैं।
उधर, बैंक ने एफडी पर ब्याज दर में पांच से 25 बेसिस पॉइंट तक की बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी दो करोड़ रुपये से कम की एफडी पर लागू होगी। बढ़ी हुई दरें 15 फरवरी से लागू हो गई हैं। साथ ही बैंक ने 400 दिन की एक विशेष अवधि वाली स्कीम शुरू की है जिसमें ब्याज दर 7.10 फीसदी रखा गया है। यह स्कीम 31 मार्च तक रहेगी।
आरबीआई ने हाल में रेपो रेट में 25 बीपीएस की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद एसबीआई ने एफडी पर रेट बढ़ाया है। साथ ही बैंक ने एमसीएलआर में भी 10 बीपीएस की बढ़ोतरी की है। एसबीआई ने इससे पहले 13 दिसंबर को कुछ चुनिंदा अवधि के लिए एफडी पर ब्याज दर में 65 बीपीएस की बढ़ोतरी की थी।
एसबीआई ने एफडी पर दो साल और तीन साल से कम अविधि के लिए ब्याज तर 6.75 फीसदी से बढ़ाकर सात फीसदी कर दी है। इसी तरह तीन साल से 10 साल तक के टेन्योर पर अब 6.50 फीसदी ब्याज मिलेगा। पहले इस पर इंटरेस्ट रेट 6.25 फीसदी था। सबसे ज्यादा पांच बीपीएस की बढ़ोतरी एक साल से लेकर दो साल से कम अवधि की एफडी पर की गई है। इसे 6.75 फीसदी से बढ़ाकर 6.80 फीसदी किया गया है।
एसबीआई ने दो साल से लेकर तीन साल से कम अवधि के लिए ब्याज दर में 25 बीपीएस की बढ़ोतरी की है। इसे अब 7.50 फीसदी कर दिया गया है। पांच साल से दस साल की अवधि के लिए इसे 7.25 फीसदी से बढ़ाकर 7.50 फीसदी कर दिया है।