चीन को घेरने के लिए आरबीआई डॉलर खरीद रहा, सेबी निवेश की जांच कर रहा

मुंबई- चीन को घेरने की तैयारी भारत की अभी भी जारी है। चीनी ऐप पर बैन लगाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी और कस्टम विभाग अलग-अलग तरीके से अपना काम कर रहे हैं। रिजर्व बैंक जहां लगातार डॉलर खरीद रहा है, वहीं सेबी और कस्टम लगातार चेकिंग में लगे हुए हैं।  

जानकारी के मुताबिक RBI लगातार डॉलर की धुआंधार खरीदी कर रहा है। इसके पीछे जो कारण हैं और जो सबसे ज्यादा भरोसे मंद बात है, वह यह कि यह एक तरह से सस्ते चीनी आयात को हतोत्साहित करने और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने का प्रयास हो सकता है। इस बात को थोड़ा और आगे बढ़ाने के लिए रुपए को कमजोर करने की चाल भू-राजनीतिक तनाव (geopolitical tensions) को देखते हुए चीन पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा हो सकती है। सीमा शुल्क (कस्टम) चीन से आने वाले हर कन्साइनमेंट की पूरी जांच कर रहा है। एक भी आइटम इस दौरान छोड़े नहीं जा रहे हैं।  

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने भी इसी हफ्ते चीन से विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) का फायदा कमा रहे मालिकों के बारे में जानकारी मांगी थी। आने वाले सप्ताह में, अमेरिकी चुनाव का डॉलर पर असर कितना होगा, यह राष्ट्रपति चुनाव के करीब पहुंचने पर पता चल पाएगा। डेमोक्रेट और व्हाइट हाउस के बीच राजकोषीय प्रोत्साहन पर चुनाव पूर्व समझौते की संभावना अब दूर की कौड़ी लग रही है। इसलिए चुनाव परिणाम को प्रोत्साहन पैकेज की रूपरेखा के मामले में इसका क्या अर्थ होगा, इसे अलग नजरिए से देखा जाएगा। 

पिछले कुछ दिनों में ठीक ठाक प्रदर्शन के बाद इस सप्ताह रुपया 73.30 से 73.50 रेंज में बंद हुआ। इसमें आश्चर्य वाली बात यह रही कि डॉलर के मार्केट में आई वैश्विक कमजोरी के बावजूद सरकारी बैंकों ने डॉलर की आक्रामक खरीदारी जारी रखी। घरेलू इक्विटी और बॉंड्स मार्केट्स में बढ़त दर्ज करने के बावजूद भी रुपया कमजोर रहा। हालांकि डॉलर के मुकाबले चीन का युआन मजबूत हुआ, लेकिन रुपया कमजोर हुआ। इसके परिणामस्वरूप सितंबर 2013 के बाद पहली बार युआन के मुकाबले रुपए में 11 पैसे की गिरावट दर्ज की गई।  

हालांकि सट्टेबाज और जनमत सर्वेक्षण बाइडेन की जीत का संकेत दे रहे हैं, पर सीनेट में मुकाबला कांटे की टक्कर जैसा दिखाई दे रहा है। यदि रिपब्लिकन सीनेट पर नियंत्रण बनाए रखने में कामयाब हो जाता है तो यह अमेरिकी डॉलर के लिए सकारात्मक हो सकता है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 74.30 के स्तर तक जा सकता है। जबकि नीचे की ओर यह 72.50 का एक बहुत ही क्रिटिकल सपोर्ट देख सकता है। इसमें आने वाली कोई भी गिरावट एक बड़ी घटना का संकेत हो सकती है। जिससे यह और नीचे जा सकता है। इस सप्ताह रुपया 73.50 से 74.30 के बीच रह सकता है। 

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