वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभर रहा है भारत
मुंबई- दुनिया मंदी की आशंका में जी रही है। अमेरिका और चीन समेत दुनिया के कई देशों की हालत पस्त है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में लोगों को आटे के लाले पड़े हुए हैं। ऐसे में भारत ग्लोबल इकॉनमी के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। खुद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने यह बात कही है।
भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख इकॉनमी है। चालू वित्त वर्ष के अंत तक भारतीय इकॉनमी के 3.5 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। सरकार ने वित्त वर्ष 2025 तक इसे पांच ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। हाल में मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा था कि अगले सात साल में भारत की इकॉनमी सात ट्रिलियन डॉलर पहुंच जाएगी।
अच्छी बात यह है कि देश के राज्यों के बीच भी अपनी-अपनी इकॉनमी को आगे ले जाने की होड़ मची है। कई राज्यों ने अपनी इकॉनमी को एक ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।
महाराष्ट्र की इकॉनमी अभी देश में सबसे ज्यादा है। इसकी जीडीपी 430 अरब डॉलर है। इसका जीडीपी ग्रोथ रेट साढ़े आठ परसेंट है। महाराष्ट्र सरकार ने 2030 तक अपनी इकॉनमी को एक ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य पाने के लिए राज्य की इकॉनमी को 11 फीसदी की रफ्तार से बढ़ना होगा। इसके लिए राज्य सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ, ट्रांसपोर्ट, एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रियल सेक्टर पर सबसे ज्यादा काम करना होगा। महाराष्ट्र सबसे पहले एक ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को हासिल कर सकता है। इसकी वजह यह है कि इस राज्य का इंडस्ट्रियल आउटपुट देश में सबसे ज्यादा है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई देश की आर्थिक और फाइनेंशियल कैपिटल है। इस शहर की जीडीपी देश में सबसे ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य को 2027 तक वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत 40 लाख करोड़ रुपये की भारीभरकम धनराशि खर्च की जाएगी। यह राशि इन्फ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ, जूडिशियरी, एजुकेशन, हैवी इंडस्ट्री आदि पर खर्च की जाएगी। यूपी सरकार के मुताबिक इस लक्ष्य को पाने के लिए सालाना विकास दर को 30 से 35 फीसदी तक बढ़ाना होगा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लक्ष्य को 45 फीसदी तक ले जाना होगा। उत्तर प्रदेश भारत की सबसे ज्यादा आजादी वाला राज्य है।
वित्त वर्ष 2021-22 में राज्य की जीडीपी करीब 294 अरब डॉलर है। राज्य की जीडीपी ग्रोथ रेट करीब 13 फीसदी है। 2027 तक एक ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को पाने के लिए राज्य को जीडीपी ग्रोथ को 32 फीसदी तक ले जाना होगा। अभी राज्य की इकॉनमी में 23 फीसदी योगदान एग्रीकल्चर, 27 फीसदी मैन्युफैक्चरिंग और 50 फीसदी सर्विसेज का है। इन तीनों सेक्टर के आउटपुट को कई गुना बढ़ाना होगा। राज्य में तेजी से एक्सप्रेसवे और हवाई अड्डों का विकास हो रहा है।
दुनिया का समुद्र तट देश में सबसे लंबा है। 2022 में राज्य की जीडीपी 288 अरब डॉलर थी। राज्य का जीडीपी ग्रोथ रेट करीब 13 फीसदी है। गुजरात सरकार ने 2027 तक जीडीपी को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य को 14.5 फीसदी की ग्रोथ हासिल करनी होगी। इसे हासिल करने के लिए राज्य सरकार मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर पर खासा ध्यान दे रही है। गुजरात में ऑटो, फार्मा, केमिकल, टेक्सटाइल और पेट्रोलियम इंडस्ट्री से जुड़ी कई कंपनियां हैं। देश के दो सबसे बड़े रईसों गौतम अडानी और मुकेश अंबानी का संबंध इसी राज्य से है। डायमंड प्रोसेसिंग में सूरत का दुनिया में कोई मुकाबला नहीं है।