चीन से माल आयात में 16,000 करोड़ की कर चोरी, 32 आयातकों को नोटिस
मुंबई- चीन से माल आयात करने में 16,000 करोड़ रुपये की कर चोरी के मामले में कस्टम विभाग ने सितंबर से लेकर अब तक 32 भारतीय आयातकों को नोटिस भेजा है। देश में आयात किए गए बिल की तुलना में भारत को चीन से किए गए निर्यात की तुलना में काफी कम है। कस्टम अधिकारियों ने अप्रैल 2019 से दिसंबर 2020 तक अंडर-इनवॉइसिंग (कम बिलिंग) के माध्यम से इसका पता लगाया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच में विशेष रूप से चीन से कम बिल के कई मामलों का पता चला है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस तरह के और नोटिस भेजे जाने की संभावना है। इन आयातों में मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, गैजेट्स और धातु शामिल हैं। आमतौर पर आयातक सीमा शुल्क बचाने के लिए माल का कम चालान करते हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सामान और मोबाइल फोन सहित अन्य पर आयात शुल्क लगाया है। ऐसे ड्यूटीज से अंडर-इनवॉयसिंग कर शुल्क चोरी को प्रोत्साहित किया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2022 के पहले नौ महीनों में 79.16 अरब डॉलर के सामान का आयात किया।
दूसरी ओर, चीन के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स (जीएसीसी) ने दिखाया कि इसी अवधि में भारत को देश का निर्यात 89.99 बिलियन डॉलर था। कैलेंडर वर्ष 2019 में चीन से भारत का आयात 68.35 अरब डॉलर था, जबकि चीन के आंकड़ों के अनुसार निर्यात 74.92 अरब डॉलर रहा, जो करीब छह अरब डॉलर का अंतर है, जो 2020 में बढ़कर 8 अरब डॉलर और 2021 में 10 अरब डॉलर हो गया।
हर गुजरते साल के साथ यह अंतर बढ़ता गया है। उद्योग ने इस अंतर को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा है कि यह ज्यादातर हाई वॉल्यूम सामानों की डिलीवरी और लेनदेन में समय की कमी के कारण है। अमेरिका स्थित थिंक टैंक ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी की 2019 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत को गलत चालान के व्यापार के कारण 90,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ और इसमें से अधिकांश चीन से आयात से संबंधित है।