दुनिया की दिग्गज कंपनियों में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की हकालपट्टी
मुंबई- फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक ने अपने 11 हजार कंपनियों को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी के 18 साल के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी हुई है। कर्मचारियों को निकालने का ऐलान कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग ने किया। उन्होंने इसकी वजह गलत फैसलों से रेवेन्यू में आई गिरावट को बताया।
दुनिया की दिग्गज कंपनियां बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं या फिर नई भर्तियां बंद कर दी हैं। ट्विटर ने 50 फीसदी कर्मचारियों की हकालपट्टी कर दी जबकि केमियो ने 25 फीसदी की, इंटेल ने 20 फीसदी की, राबिनहुड ने 23 पर्सेंट, स्नैपचैट ने 20 पर्सेंट, काइन बेस ने 18 पर्सेंट और ओपनडूर ने 18 फीसदी की छंटनी की है।
इसी तरह से स्ट्राइप ने 14 पर्सेंट, लिफ्ट ने 13 पर्सेंट, शोपिफाई ने 10 पर्सेंट, मेटा ने 11,000 कर्मचारियों को निकाल दिया है। एपल ने जहां भर्ती बंद कर दी है वहीं अमेजन ने भी कर्मचारियों की भर्ती बंद कर दी है।
मार्क ने कहा, ‘आज मैं मेटा के इतिहास में किए कुछ सबसे कठिन फैसलों के बारे में बताने जा रहा हूं। हमने अपनी टीम साइज में करीब 13% कटौती करने का फैसला किया है। इससे 11 हजार से अधिक प्रतिभाशाली कर्मचारियों की नौकरी जाएगी। हम खर्च में कटौती करके और Q1 तक हायरिंग फ्रीज को बढ़ाकर ज्यादा कुशल कंपनी बनने के लिए कदम उठा रहे हैं।’
मार्क जुकरबर्ग ने प्रभावित एम्प्लॉइज के लिए खेद भी जताया और फैसले के साथ-साथ कंपनी इस जगह पर कैसे पहुंची, इसकी पूरी जिम्मेदारी ली। उन्होंने लिखा, ‘मैं इन फैसलों और हम यहां कैसे पहुंचे इसकी जवाबदेही लेना चाहता हूं। मुझे पता है कि यह सभी के लिए कठिन है और खास तौर पर जो मेरे इस फैसले से प्रभावित हुए है उनके लिए मुझे खेद है।’
इससे पहले मंगलवार को जुकरबर्ग ने कंपनी के सैकड़ों एग्जीक्यूटिव्स के साथ मीटिंग की थी। वॉल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट के मुताबिक जुकरबर्ग इस मीटिंग में निराश दिखाई दिए थे। उन्होंने बताया था, छंटनी में ज्यादा संख्या रिक्रूटिंग और बिजनेस टीम के एम्प्लॉइज की होगी। निकाले गए स्टाफ में फेसबुक के अलावा वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम के भी कर्मचारी हैं।
मार्क ने कहा, ‘कोविड की शुरुआत में, दुनिया तेजी से ऑनलाइन हो गई और ई-कॉमर्स के बढ़ने से रेवेन्यू में इजाफा हुआ। कई लोगों ने प्रिडिक्ट किया कि यह बढ़ोतरी स्थायी होगी जो महामारी खत्म होने के बाद भी जारी रहेगी। मैंने भी यही सोचा, इसलिए मैंने अपने इन्वेस्टमेंट में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया। दुर्भाग्य से, यह मेरी अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा।