बच गई पेटीएम के शर्मा जी की जाते जाते कुर्सी, निवेशकों को भारी घाटा
मुंबई- देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा की कुर्सी जाते जाते बच गई। पेटीएम की पिछले साल लिस्टिंग के बाद इसकी वैल्यू में 60 फीसदी गिरावट आ चुकी है। यही वजह है कि तीन घरेलू प्रॉक्सी फर्म ने पेटीएम के निवेशकों को शर्मा को हटाने की सलाह दी थी। लेकिन पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन के अधिकांश शेयरहोल्डर्स ने उनकी लीडरशिप ने भरोसा जताया। निवेशकों ने शर्मा को फिर से कंपनी का सीईओ और एमडी नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
एडवाइजरी फर्म IiAS, (SES और InGovern Research Services ने पेटीएम के निवेशकों को सलाह दी थी कि शर्मा को फिर से सीईओ नहीं बनाया जाना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि कुछ शेयरहोल्डर्स ने कंपनी के शेयर प्राइस के बारे में सवाल पूछे लेकिन अधिकांश ने इस बात की स्वीकार किया कि पिछली कुछ तिमाहियों में कंपनी का प्रदर्शन शानदार रहा। कई शेयरहोल्डर्स ने कंपनी की उपलब्धियों और रोडमैप के बारे में भी सवाल पूछे।
पेटीएम के निवेशकों में एंट ग्रुप की कंपनी एंटफिन (नीदरलेंड्स) होल्डिंग्स बीवी, सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प और कनाडा पेंशन प्लान इनवेस्टमेंट बोर्ड शामिल हैं। पेटीएम को कवर करने वाले करीब एक दर्जन एनालिस्ट में से छह ने इसे बाय रेटिंग दी है जबकि तीन ने इसे होल्ड करने और तीन ने बेचने की सलाह दी है। पेटीएम का इश्यू प्राइस 2150 रुपये था लेकिन यह कभी भी इस कीमत पर नहीं पहुंच पाया।
इस बीच शर्मा ने शेयरहोल्डर्स से कहा कि कंपनी सितंबर 2023 तक लाभ में आ जाएगी। उन्होंने कहा कि एक छोटी कंपनी और एक बड़ी कंपनी के लाभदायक बनने में फर्क है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पेटीएम का घाटा बढ़कर 644 करोड़ रुपये पहुंच गया जो पिछले साल समान तिमाही में 380.2 करोड़ रुपये था। हालांकि इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 86 फीसदी से अधिक बढ़ा है।