अनिल अंबानी की प्रॉपर्टी को जब्त करने में चीनी बैंकों को आ सकती है दिक्कत, दिल्ली हाई कोर्ट ने भेजी नोटिस

मुंबई– उद्योगपति अनिल अंबानी की प्रॉपर्टी को जब्त करने की चीनी बैंकों की कोशिश नाकाम हो सकती है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में चीन के उन तीनों बैंकों को नोटिस भेजी है, जिन्होंने अनिल अंबानी को उधारी दी है। ऐसे में चीनी बैंकों के लिए दिक्कत आ सकती है।  

बता दें कि चीन के तीन बैंकों ने इसी साल मई में लंदन में अनिल अंबानी के खिलाफ मामला जीता था। अनिल अंबानी पर इन बैंकों का 5,276 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया है। अंबानी ने यह अपील की थी कि भारत में बैंकों ने अलग से दिवालिया के लिए उनके खिलाफ चुनौती दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में उनकी राय मांगी है। हालांकि इसमें बैंक के नाम का पता नहीं चल पाया है। लंदन की कोर्ट के मामले में चीनी बैंकों ने कहा था कि उन्होंने साल 2012 में रिलायंस कम्युनिकेशन को कर्ज दिया था। यह कर्ज पर्सनल गारंटी के आधार पर दिया गया था। हालांकि कोर्ट में मामला जीतने के बाद भी ये बैंक अभी तक पैसे की रिकवरी नहीं कर पाए हैं।  

दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी ऑर्डर दिया है कि अंबानी की किसी भी पर्सनल असेट्स की बिक्री कर रिकवरी किए जाने पर मोराटोरियम है। एसबीआई ने इस साल के शुरू में अनिल अंबानी के खिलाफ दिवालिया (बैंकरप्सी) का मामला फाइल किया था और साथ ही मोराटोरियम के लिए अपील की थी। एसबीआई ने कहा था कि अगर यूके में कोई फैसला आता है तो भारतीय बैंकों को कुछ नहीं मिल पाएगा। इसलिए मोराटोरियम जरूरी है। दिल्ली कोर्ट ने अंबानी के खिलाफ बैंकरप्सी केस अभी भी जारी रखा हुआ है और यह भी निर्देश दिया है कि अंबानी अपनी किसी प्रॉपर्टी को न बेचें।  

बता दें कि इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल बैंक ऑफ चाइना, एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ चाइना और चाइना डेवलपमेंट बैंक ने लंदन की कोर्ट में मामला जीता है। इन बैंकों के वकील ने कोर्ट को बताया था कि अनिल अंबानी कर्जदाता बैंकों को एक पाई भी न देने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।  

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