शेयर बाजार में दिख रही है अनिश्चतता, कैसे हैंडल करें, जानिए इसके उपाय
मुंबई– शेयर बाजार की अस्थिरता से हर कोई निवेशक डरता है। यह पता नहीं होता है कि अगले घंटे में बाजार हमें लाभ देगा या घाटा देगा। हालांकि इस अनिश्चितता या उतार-चढ़ाव का कई कारण होता है। इन कारणों का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता। अगर आप इस उतार-चढ़ाव का सही आंकलन कर लाभ कमाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए लंबी अवधि की निवेश की रणनीति अपनानी होगी। स्टॉक मार्केट की इस अस्थिरता से निपटने के लिए आवश्यक पहलुओं के बारे में एंजल ब्रोकिंग के सीनियर रिसर्च जयकिशन परमार ने बताया। जानते हैं बाजार की ऐसी स्थिति में क्या रणनीति आपको अपनानी चाहिए।
अस्थिर बाजार को देखना सीखें: स्टॉक मार्केट की अस्थिरता से निपटना है तो पहला सबक यह है कि आपको इसे स्पॉट करना समझना होगा। तभी आप आगे बढ़ने के लिए सही तरीका तय कर सकेंगे। पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात, अस्थिर मार्केट की दो प्रमुख विशेषताएं हैं- कीमत में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव और बहुत ज्यादा ट्रेडिंग। आमतौर पर, यह ट्रेड ऑर्डर्स में असंतुलन दिखाता है। कुछ मामलों में कंपनी से जुड़ी खबरें या आईपीओ से भी ऐसा होता है। ऐसे बाजार का शुरुआती आंकलन डे ट्रेडर्स, शॉर्ट-सेलर्स और संस्थागत निवेशकों की गतिविधियों को देखकर भी किया जा सकता है।
निवेश करने से बचें: अस्थिरता को हैंडल करने की सही रणनीति यह है कि इसमें ट्रेडिंग करने से बचें। कम कीमतें बाजार में निवेश का सही संकेत नहीं हैं। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कम मूल्य वाले शेयरों में तेजी होगी। कभी-कभी ऐसी स्थितियां आगे चलकर आपको घाटा दे सकती हैं। किसी भी स्टॉक के ट्रैक रिकॉर्ड और बुनियादी बातों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करें। रेवेन्यू, डेट टू इक्विटी का अनुपात और भविष्य की क्षमता जैसे फैक्टर्स पर विचार करें। इससे यह समझना आसान होगा कि क्या स्टॉक में अस्थिरता है, जिससे हमें इसमें निवेश करने से बचना चाहिए।
बाजार में अंदर-बाहर होने से बचें: एक अस्थिर बाजार का शिकार बनने से बचने और स्थिरता के साथ खड़े होने का एक और सबक है आपकी इंट्री और सही तरह से उसमें से बाहर निकलना। चूंकि, यहां कई फैक्टर महत्वपूर्ण होते हैं। अनुभवी निवेशकों के लिए भी बाजार में सही समय का चुनाव करना एक चुनौती हो सकता है। शुरुआत में, आपको कोई भी एक्शन घबराहट में नहीं लेना चाहिए। इससे बचें। निवेश की सुरक्षा के लिए अपने स्टॉक को जल्दी से न बेचें। स्टॉक मार्केट में गिरावट होने पर निवेशक भावुक हो जाता है और उसे लगता है कि उसने पैसा गंवा दिया। हालांकि, ध्यान रखें कि जब तक आप किसी स्टॉक को बेचते नहीं है, तब तक आपका एक भी पैसा कम नहीं हुआ है। जब तक सेल-एक्शन पूरा नहीं होता, तब तक स्टॉक केवल कागज पर ही घटता है। इस वजह से आपको डर में शेयरों को बेचने और समय से पहले बाहर निकलने से बचना चाहिए।
पोर्टफोलियो में विविधता– पोर्टफोलियो में विविधता (डाइवर्सिफिकेशन) भी कोई फूल-प्रूफ उपाय नहीं है। क्योंकि यह हर बार मुनाफे की गारंटी नहीं दे सकता है। हालांकि, इसका एक अच्छा पहलू यह है कि इससे आप के पोर्टफोलियो पर अस्थिरता का प्रभाव कम होता है। पोर्टफोलियो में विविधता के साथ, आप ओवर-एक्सपोजर का खामियाजा भुगतते हैं। ऐसे में आप कई सेक्टर के शेयरों में निवेश करें।
अपने फाइनेंशियल प्रोफेशनल से सलाह लें बाजार को समझने के लिए समय लें और भावनाओं के आधार पर जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं। यह भी उचित नहीं है कि आप किसी इंडस्ट्री इवेंट के आधार पर फैसले लें, वह भी प्रोफेशनल के इनपुट का लाभ उठाए बिना। आपको चाहिए कि आप एक फाइनेंशियल प्लानर से इस बारे में सलाह लें। अपनी आयु और रिटायरमेंट प्लान्स के आधार पर अलग-अलग असेट अलोकेशन करें। यह एक ऐसी चीज है जिसे आपको एक निवेशक के रूप में जरूर देखना चाहिए। क्योंकि आपकी उम्र जितनी कम होगी, उतना ही आपकी जोखिम सहने की क्षमता अधिक होगी। यदि आप युवा हैं, तो आपके पास अधिक समय है। दूसरी ओर, यदि आप अपने 60 साल के हैं तो पूंजी को बचाए रखना आपके लिए एक प्राथमिकता होगी क्योंकि आप रिटायर होने वाले हैं।