दाल-रोटी, बिस्कुट और आटा होंगे महंगे, गेहूं की कीमतें बढ़ने का असर  

मुंबई- गेंहू की लगातार बढ़ती कीमतों से जल्द ही ब्रेड, आटा से बने सामान महंगे हो जाएंगे। गैस और तेल के साथ अब आम आदमी को और झटका लगने वाला है। इस साल गेहूं की कीमतें 46 फीसदी तक बढ़ गई हैं और इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2015 रुपये प्रति क्विंटल है।  

बाजार में इसकी कीमत एमएसपी से 20 फीसदी अधिक है, इसलिए आने वाले समय में कंपनियां इसका भार ग्राहकों पर डाल सकती हैं। अनुमान है कि गेहूं के महंगे होने से कंपनियां आने वाले समय में 15 फीसदी तक कीमतें बढ़ा सकती हैं।  

केंद्र के उपभोक्ता मंत्रालय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को राज्यों के आपूर्ति विभाग द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, गेहूं की पूरे भारत में कीमत शनिवार को 32.78 रुपये प्रति किलो पहुंच गई थी। एक साल पहले 30 रुपये की तुलना में यह 9.15 फीसदी ज्यादा है। 

इसी तरह से गेहूं के आटा की कीमतें अप्रैल में 32.38 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई थी। यह जनवरी, 2010 के बाद सबसे ज्यादा है। देश भर के 156 केंद्रों पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार को पोर्ट ब्लेयर में आटे की सबसे ज्यादा कीमत 59 रुपये किलो थी, जबकि पश्चिम बंगाल में सबसे कम 22 रुपये किलो थी। 

चार महानगरों की बात करें तो मुंबई में आटे की कीमत सबसे ज्यादा 49 रुपये प्रति किलो है, जबकि चेन्नई में यह 34 रुपये किलो, कोलकाता में 29 रुपये और दिल्ली में 27 रुपये किलो है। इस साल की शुरुआत से पूरे देश में आटे की औसत कीमत करीबन 6 फीसदी बढ़ी है। अप्रैल में सबसे ज्यादा 31 रुपये किलो तक कीमतें पहुंच गई थीं। 

जानकारों के मुताबिक, आटे की कीमत इसलिए बढ़ी क्योंकि यूक्रेन संकट से गेहूं के उत्पादन कम होने से इसकी कीमतों में तेजी आई। साथ ही विदेशों में भारतीय गेहूं की मांग भी ज्यादा रही। डीजल के भाव में तेजी से किराया बढ़ने से भी गेहूं और आटे के भाव में तेजी देखी गई। 

गेहूं के उत्पादन में कमी और निजी कंपनियों द्वारा ज्यादा मांग से सरकार एमएसपी पर इस साल लक्ष्य से कम रह सकती है। खाद्य मंत्रालय के अनुमानों के मुताबिक, गेहूं का उत्पादन चालू रबी मार्केटिंग सीजन में 195 लाख टन रह सकता है जो कि सरकार के शुरुआती अनुमान 444 लाख टन से बहुत कम है। पिछले साल वास्तविक उत्पादन 433 लाख टन था। 

भारत ने पिछले साल 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था। इस साल अब तक 40 लाख टन निर्यात के लिए करार हुआ है, जिसमें से 11 लाख टन अप्रैल में निर्यात हो चुका है। केंद्र के उपभोक्ता मंत्रालय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक, वैसे पिछले एक साल में आम आदमी की थाली की हर चीजें महंगी हो गई हैं। दाल, सब्जी, दूध, तेल और यहां तक कि चायपत्ती से लेकर आलू तक की कीमतों में 111 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। 

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