जानिए कैसे हुई कोकाकोला की खोज, 1865 में एक सैनिक ने किया कमाल  

मुंबई-दुनियाभर में अपने टेस्ट के लिए फेमस कोका-कोला की खोज एक जख्मी फौजी ने की थी। अमेरिका में गृहयुद्ध के दौरान साल 1865 में जॉन पेम्बर्टन नाम का एक लेफ्टिनेंट कर्नल बुरी तरह जख्मी हो गया था। अपने दर्द को दूर करने के लिए यह फौजी ड्रग्स लेने लगा। धीरे-धीरे फौजी को ड्रग्स की बुरी लत लग गई। अपनी इस लत को दूर करने के लिए यह फौजी विकल्प तलाशने लगा। इसी तलाश का नतीजा आज कोका कोला के रूप में हमारे सामने है। 

ड्रग्स के विकल्प के लिए तैयार की ड्रिंक 

पेम्बर्टन फौज में जाने से पहले फार्मेसी का काम करता था। वह लगातार ड्रग्स के विकल्प के लिए फार्मेसी में रिसर्च करता रहा। फौजी ने वर्षों तक मेहनत की, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। फिर उसे एक साथी मिला- फ्रैंक रॉबिन्सन। दोनों ने साथ मिलकर एक केमिकल कंपनी शुरू की। पेम्बर्टन यहां भी अपनी उसी ड्रिंक पर काम करने लगा। आखिरकार मई 1886 में पेम्बर्टन ने एक तरल पदार्थ बनाया। उसने इसमें सोडा मिलाकर लोगों को टेस्ट कराया। लोगों यह ड्रिंक काफी पसंद आई। 

इस ड्रिंक में कोरा अखरोट से कोका पत्ती और कैफीन वाले सिरप का नुस्खा मिलाया गया था। पेम्बर्टन के साथी फ्रैंक ने इस ड्रिंक को कोका-कोला नाम दिया। इस कोका कोला की शुरुआती कीमत 5 सेंट प्रति गिलास रखी गई। पहली बार 8 मई 1886 को जैकब फार्मेसी पर कोका-कोला को बेचा गया। 

शुरुआत में कोका-कोला की बिक्री काफी सुस्त रही। पहले साल सिर्फ 9 गिलास प्रति दिन के हिसाब से बिक्री हुई। शुरुआत में कोका-कोला की बिक्री में नुकसान उठाना पड़ा। पहले साल करीब 50 डॉलर की कमाई हुई, जबकि इसमें 70 डॉलर से अधिक की लागत लगी थी। 

कोका कोला का फार्मूला पेम्बर्टन के पास अधिक दिनों तक नहीं रह पाया। इस फार्मूले को साल 1887 में 2300 डॉलर की कीमत देकर अटलांटा के एक फार्मासिस्ट बिजनेसमैन आसा ग्रिग्स कैंडलर ने खरीद लिया। कैडलर ने कोका कोला के बिजनेस को सफल बनाने के लिए तरकीब निकाली। उसने लोगों को इसकी लत लगाने के लिए मुफ्त में इस ड्रिंक के कूपन बांटे। इसके बाद लोगों को इस ड्रिंक का ऐसा स्वाद लगा कि यह दुनियाभर में फेमस हो गई। 

कैंडलर ने इस ड्रिंक का खूब विज्ञापन भी किया। ग्राहकों को आकर्षित करने के कई तरीके अपनाएं। इसकी बदौलत साल 1890 तक कोका-कोला अमेरिका का सबसे लोकप्रिय पेय पदार्थ बन चुका था। ऐसा कहा जाता है कि लोग सिर दर्द की दवा के रूप में और थकान दूर करने के लिए इस ड्रिंक को पीते थे। आज दुनिया भर में करीब दो अरब से अधिक इसकी बोतलें रोज बिकती हैं। 

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